कोर्ट ने कहा - वृक्ष प्राधिकरण समिति 6 सप्ताह में गठित करें

Court said - set up tree authority committee in 6 weeks
कोर्ट ने कहा - वृक्ष प्राधिकरण समिति 6 सप्ताह में गठित करें
अजनी पेड़ कटाई मामला कोर्ट ने कहा - वृक्ष प्राधिकरण समिति 6 सप्ताह में गठित करें

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   हाईकोर्ट में अजनी इंटरमॉडल स्टेशन के लिए 4 हजार वृक्षों की कटाई के मामले को लेकर सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय में दो सदस्यों सुनील शुक्रे और अनिल पानसरे की खंडपीठ ने वृक्ष प्राधिकरण समिति के गठन के लिए राज्य सरकार को 6 सप्ताह की समयावधि दी है। याचिकाकर्ता की ओर से मामले में देरी करने और जनसुनवाई लेकर मामले को निपटारा करने का आरोप मनपा पर लगाया गया।

इस आरोप पर मनपा के अधिवक्ता जे. बी. कासट ने बताया कि वृक्ष अधिनियम में संशोधन के चलते अब मनपा के उद्यान विभाग को 100 से अधिक पेड़ों की कटाई की अनुमति देने का अधिकार नहीं है। 100 से अधिक पेड़ों की कटाई के लिए राज्य सरकार की वृक्ष प्राधिकरण समिति को निर्णय लेना है। न्यायालय ने राज्य सरकार से समिति के गठन को लेकर पूछताछ की। इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता केतकी जोशी ने बताया कि नए संशोधन में समिति के गठन की प्रक्रिया जारी है। इस पर न्यायालय ने राज्य सरकार को 6 सप्ताह की समयावधि दी है, ताकि वृक्ष प्राधिकरण समिति का गठन कर नागरिकों के आक्षेप की सुनवाई की जा सके।

चार हजार पेड़ काटे जाने हैं
अजनी में इंटरमॉडल स्टेशन स्टेशन बनाने के लिए क्षेत्र के करीब 4000 पेड़ों को काटा जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने मनपा के उद्यान विभाग से अनुमति मांगी है। पेड़ों की कटाई के विरोध में याचिकाकर्ता श्वेता भुरभुरे समेत अन्य ने जनहित याचिका दायर की है। न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से एड. अनिल कुमार ने पक्ष रखा।

जेल अधीक्षक को 20 दिसंबर तक मोहलत 
उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में जेल अधीक्षक अनूप कुमरे पर न्यायालय की अवमानना मामले की सुनवाई हुई। दो सदस्यों की खंडपीठ में न्यायमूर्ति एम. एस. सोनक और पुष्पा गनेडीवाल के समक्ष जेल अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। इस दौरान न्यायालय की अवमानना पर अपना पक्ष रखने और न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी गई। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अनूप कुमरे को अपना पक्ष रखने के लिए 20 दिसंबर तक की मोहलत दी है। न्यायालय में जेल अधीक्षक की ओर से संग्राम सिंह शिरपुरकर ने पैरवी की, जबकि न्यायालय मित्र के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने काम संभाला।
 

Created On :   25 Nov 2021 11:36 AM IST

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