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रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों पर कोर्ट सख्त , रोज सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़े गए आरोपियों पर विशेष निचली अदालत में फास्ट ट्रैक मुकदमा चलाने के आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जारी किए हैं। न्या.जेड.ए.हक और न्या.अमित बोरकर की खंडपीठ ने चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट को आदेश दिए हैं कि वे इस प्रकरण में 17 मई से डे-टू-डे (प्रतिदिन) ट्रायल लेकर 9 जून तक फैसला सुनाएं। इस मामले में हाईकोर्ट ने एड.ज्योति वजानी को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है।
जांच अंतिम चरण में
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील तहसीन मिर्जा ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने रेमडेसिविर कालाबाजारी के कुल 13 मामले दर्ज किए हैं। इसमें से 8 में चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने उक्त आदेश जारी किया। एड.मिर्जा ने नागपुर पुलिस आयुक्त के हवाले से कोर्ट में जानकारी दी कि शेष मामलों में जांच अंतिम चरण में है, इसमें भी चार्जशीट जल्द ही दायर की जाएगी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत को ऐसे प्रकरणों में तीन माह में फैसला लेने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट का यह मानना है
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के इलाज में आवश्यक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसमें निजी अस्पतालों के स्टाफ और चिकित्सक तक पकड़े जा रहे हैं। इस समस्या पर न्या.जेड.ए.हक और न्या.अमित बोरकर की नागपुर खंडपीठ ने सू-मोटो फौजदारी जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट के अनुसार, नागपुर में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज हैं, जिनकी अनुपात में रेमडेसिविर बहुत कम है। ऐसे में मेडिकल क्षेत्र से जुड़े कुछ असामाजिक तत्व मौके का फायदा उठा कर रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा इसकी रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदम अधूरे साबित हो रहे हैं। ऐसे लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज करके मुकदमा चलाने के बाद भी कालाबाजारी रुक नहीं रही हैं। ऐसे में रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते पकड़े जाने वालों पर आपराधिक मुकदमा चला कर ठोस निष्कर्ष निकालना जरूरी है। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र हैं। एड.मनीष शुक्ला ने उन्हें सहकार्य किया।
Created On :   7 May 2021 9:52 AM IST