भाई-बहन के हत्यारे बाप-बेटे को दोहरी उम्र कैद, दिन-दहाड़े गोली मारकर की थी हत्या

court verdict in case of murder of brother and sister in satna
भाई-बहन के हत्यारे बाप-बेटे को दोहरी उम्र कैद, दिन-दहाड़े गोली मारकर की थी हत्या
भाई-बहन के हत्यारे बाप-बेटे को दोहरी उम्र कैद, दिन-दहाड़े गोली मारकर की थी हत्या

डिजिटल डेस्क, सतना। भाई-बहन की हत्या के आरोपी बाप-बेटों को न्यायालय ने दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई है। वहीं हत्या के दौरान मारपीट के दोषी तीन सह आरोपियों को एक-एक साल के कारावास से दंडित किया है। इसके साथ ही एक अन्य आरोपी के खिलाफ साक्ष्य न मिलने से उसे दोषमुक्त किया गया है। आरोपियों ने गणेश नगर नई बस्ती में मकान का दरवाजा खोलने को लेकर हुए विवाद में यादव परिवार के सगे भाई-बहन की हत्या कर दी थी। सनसनीखेज मामले में तृतीय अपर सत्र अदालत ने सजा सुनाई है।

क्या है पूरा प्रकरण-
पीआरओ फखरूद्दीन ने बताया कि आरोपी और फरियादी राजेन्द्र यादव गणेश नगर नई बस्ती में मकान बनाकर पड़ोसी थे। 5 अप्रैल 12 को आरोपी फरियादी के घर की ओर अपने घर का दरवाजा खोल लिए थे। फरियादी राजेन्द्र यादव साढ़े 11 बजे मना करने पहुंचा तो देखा कि आरोपी हाथ में फावड़ा, सब्बल, डंडा लिए हैं। फरियादी के दरवाजा खोलने से मना करने पर आरोपी गाली देने लगे। हल्ला-गोहार सुनकर फरियादी की मां, पत्नी राधा, भाई अजय, ननकू, बहन विमला और घर के अन्य लोग आ गए। आरोपियों ने झगड़े के दौरान ननकू उर्फ गोविन्द और विमला यादव को गोली मार दिया। घटना की रिपोर्ट पर कोलगवां थाना पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 323, 34 और आम्र्स एक्ट की धारा 27-30 का प्रकरण दर्ज किया।

किसे कितनी सजा-
आरोपी बाप-बेटे दिनेश पिता रामसुजान त्रिपाठी और नीलेश त्रिपाठी को दोहरी हत्या के जुर्म में अदालत ने भादवि की धारा 302 (दो काउंट) में आजीवन कारावास और क्रमश: 2 हजार और 15 सौ रूपए के जुर्माने से दंडित किया। जबकि सह आरोपी राजेश कुमार गौतम पिता रामकृपाल निवासी पटना कला, नरवेन्द्र कुमार त्रिपाठी पिता रामसुजान, ओंकार त्रिपाठी पिता दिनेश त्रिपाठी को भादवि की धारा 323 का अपराध करने के जुर्म मे 1-1 साल के कारावास के साथ 5-5 सौ रूपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। मामले में अभियोजन की ओर से विचारण के दौरान साक्ष्य एसएल कोष्ठा और डीपीओ रामपाल सिंह ने पेश कराया, जबकि एजीपी ददनराम त्रिपाठी ने तर्क रखे।

आश्रित को प्रतिकर-
मृतक के माता-पिता की ओर से अधिवक्ता एसएल यादव ने प्रतिकर दिए जाने की मांग अदालत से की और तर्क रख कि मृतक के माता-पिता वृद्ध हैं। मृतक पुत्र ही एकमात्र कमाने वाला व्यक्ति था, वह भरण-पोषण में सक्षम नहीं है। अदालत ने तर्कों पर सहमति जताते हुए प्रतिकर योजना के अंतर्गत मृतक के आश्रित  माता-पिता को प्रतिकर दिए जाने के लिए प्रकरण विधिक सेवा प्राधिकरण भेजने की अनुशंसा की है।

Created On :   28 Jan 2019 4:07 PM GMT

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