मनुष्य की जीवंतता का प्रमाण है रचनात्मकता: डॉ. इटनकर

डिजिटल डेस्क, नागपुर । रचनात्मकता मनुष्य की जीवंतता का प्रमाण होती है। मनुष्य स्वभाव से एक रचनात्मक प्राणी है। उसके प्रत्येक कार्य में सृजन का भाव जुड़ा हुआ है। उसकी रचनात्मक वृत्ति ही उसे क्रियाशील बनाती है। यह बात हिन्दी विभाग, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित रचनात्मक लेखन कार्यशाला के समापन सत्र के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश इटनकर, सह अधिष्ठाता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने कही। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार सुनील हजारी ने रचनात्मक प्रतिभा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता उन्हें ही मिलती है जिनमें कुछ नया, कुछ अनूठा करने का हुनर होता है। स्वागत उद्बोधन देते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कार्यशाला की उपादेयता पर प्रकाश डाला। पत्र लेखन और पत्राचार कला पर हिन्दी अधिकारी तेजवीर सिंह ने प्रशिक्षण दिया। संचालन प्रा. जागृति सिंह ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. संतोष गिरहे ने किया। इस अवसर पर राजभाषा निदेशक अनिल त्रिपाठी, डॉ. संजय पल्वेकर, डॉ. कुंजन लाल लिल्हारे, डॉ. एकादशी जैतवार, डॉ. नीलम वैरागडे, डॉ. डबली, मुख्तार अहमद सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।
Created On :   19 March 2023 11:39 AM IST