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अनुसूचित जाति जनजाति के विरूद्ध बढ़ रहे मामले
डिजिटल डेस्क सीधी। जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। पंजीबद्ध अपराध अनुसूचित जाति एंव अनुसूचित जनजाति विरूद्ध सवर्ण के मामलों के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2015-16 एवं 2017 में दर्ज मामलों में काफी वृद्धि हुई है। उल्लेखनीय है कि हरिजन आदिवासी पुलिस थाना सहित जिला मानवाधिकार संगठन तक अमला तैयार किया गया है फिर भी निरंतर अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पुलिस अमले द्वारा पंजीबद्ध अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है परंतु अपराधों में लगातार वृद्धि होना गंभीर विषय बना हुआ है। वर्ष 2015 से लेकर 2017 तक हत्या, अपहरण, बलात्कार तथा अत्याचार के अन्य अपराधों की संख्या अनुसूचित जाति विरूद्ध सवर्ण 19 से बढ़कर 55 तथा अनुसूचित जनजाति सवर्ण के मामले 20 से 54 तक पहुंच चुके हैं।
अपहरण बलात्कार के बढ़े मामले
जिले में अनुसूचित जनजाति विरूद्ध सवर्ण के पंजीबद्ध मामलों में अपहरण और बलात्कार के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। वर्ष 2015 में अपहरण के मात्र दो मामले पंजीबद्ध किये गये थे जो वर्ष 2017 में बढ़कर 6 हो गये। इसी तरह बलात्कार के मामले वर्ष 2015 में दो वर्ष 2016 में 6 तथा 2017 में 6 मामले सामने आये। जहां शासन द्वारा इन वर्गों के उत्थान के लिये एक ओर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं वहीं इनके प्रति बढ़ते अपराधों की रोकथाम की मुहिम भी तेज करने की आवश्यकता है।आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2015-16 एवं 2017 में दर्ज मामलों में काफी वृद्धि हुई है।
महिला उत्पीडऩ
त्रिवर्षीय पंजीबद्ध मामलों के आंकड़े बताते हैं कि जिले में सर्वाधिक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति महिला उत्पीडऩ के मामले दर्ज हैं। जबकि महिला डेस्क सहित जिले में निर्भया टीम गठित है। इसके अतिरिक्त 100 नंबर डायल पुलिस तथा पुलिस बल की चौकियां व थाने भी मौजूद हैं। परंतु दुर्भाग्यपूर्ण गंभीर महिला उत्पीडऩ पर रोकथाम नहीं लग पा रहा है।
Created On :   8 March 2018 9:15 AM GMT