आनलाइन शिक्षा पर संकट, 32% विद्यार्थियों के पास नहीं है स्मार्ट फोन

Crisis on online education, 32% students do not have smart phone
आनलाइन शिक्षा पर संकट, 32% विद्यार्थियों के पास नहीं है स्मार्ट फोन
आनलाइन शिक्षा पर संकट, 32% विद्यार्थियों के पास नहीं है स्मार्ट फोन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल स्कूल खोलने पर संकट है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। इस बीच चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि राज्य की उपराजधानी कहे जाने वाले नागपुर शहर में करीब 32 प्रतिशत विद्यार्थियों के घर में न एंड्रॉयड मोबाइल है और न सेट टॉप बॉक्स सहित टीवी है। ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था में यह बड़ी बाधा है।

किसके पास क्या है, क्या नहीं
मनपा ने शहर के सभी माध्यम व सभी व्यवस्थापन के स्कूलों का सर्वेक्षण किया है। कक्षा पहली से पांचवीं तक 54 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास एंड्रॉयड मोबाइल व सेट टॉप बॉक्स सहित टीवी की व्यवस्था है, लेकिन 22.41 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास दोनों व्यवस्था नहीं है। इसी तरह कक्षा 6वीं से 8वीं तक 65 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास दोनों तरह की व्यवस्था है। 32 प्रतिशत विद्यार्थी दोनों से वंचित हैं। कक्षा 9वीं से 12वीं के 72 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास दोनों सुविधा है। 21.37 प्रतिशत विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके पास न मोबाइल है और न टीवी। इस खुलासे ने दोनों व्यवस्था से वंचित विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है। 

विद्यार्थियों को जोड़ना बड़ी चुनौती
गुरुवार को मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने शहर के निजी शाला संचालक, सचिव व मुख्याध्यापकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। संवाद में यह खुलासा करते हुए तुकाराम मुंढे ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रत्येक स्कूल में और जिन विद्यार्थियों के पास अॉनलाइन शिक्षा की सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ने की चुनौती है। कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए यह महत्वपूर्ण वर्ष है। इन विद्यार्थियों सहित अन्य विद्यार्थियों को अॉनलाइन व दूसरी अन्य पद्धति से पढ़ाने के लिए स्वयंसेवी संस्था व स्वयंसेवकों का सहयोग लेने का प्रयास जारी है। 

विद्यार्थियों के लिए यह सिफारिश
जिन विद्यार्थियों के पास एंड्रॉयड मोबाइल अथवा टीवी उपलब्ध नहीं है, ऐसे विद्यार्थियों के लिए अलग नियोजन करने की सलाह दी गई है। इन विद्यार्थियों को प्रिंटेड साहित्य देने या 3 से 5 विद्यार्थियों के ग्रुप में उन्हें पढ़ाने की सिफारिश की गई है। नर्सरी, केजी-1, 2 और कक्षा पहली, दूसरी के लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है। हालांकि उन्हें टीवी, रेडियो पर शैक्षणिक कार्यक्रम दिखाने को कहा गया है। इसके अलावा कक्षा तीसरी से पांचवीं के लिए रोजाना 1 घंटा प्रति दिन, कक्षा 6वीं से 8वीं के लिए 2 घंटा प्रति दिन, कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए 3 घंटे प्रति दिन विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने की व्यवस्था होगी।

ऑनलाइन ही विकल्प
मुंढे ने स्पष्ट कहा कि नागपुर शहर रेड जोन में है। ऐसी स्थिति में शहर में कोई भी स्कूल शुरू करना खतरनाक है। कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न रहे, इसका संज्ञान लिया जा रहा है। फिलहाल स्कूल शुरू करने की अनुमति नहीं है। स्कूलों को खुद ऑनलाइन शिक्षा के लिए ‘प्लेटफार्म’ तैयार कर स्कूल शुरू न करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाना होगा। उन्होंने सभी स्कूलों को आगामी 26 जून को शाला व्यवस्थापन समिति की सभा लेकर बैठक में स्कूल शुरू करने के पूर्व की तैयारी, स्कूल के प्रसाधनगृह की स्वच्छता, स्कूल शुरू करने के बाद बरती जाने वाली सतर्कता, विद्यार्थियों की भीड़ न हो, इसके लिए नियोजन करने बाबत निर्देश दिए गए हैं। मनपा आयुक्त ने कहा कि मौजूदा समय में विद्यार्थियों को स्कूल से ज्यादा शिक्षा की जरूरत है। 
 
 

Created On :   19 Jun 2020 4:50 AM GMT

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