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मंडी में रिश्वत लेकर ही खरीदी जा रही फसल, अनशन पर बैठे किसान

डिजिटल डेस्क, बकस्वाहा। स्थानीय कृषि उपज मंडी में भावांतर योजना के तहत खरीफ फसल की खरीद के लिए दो केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें जमकर रुपयों की उगाही की जा रही है, जो किसान पैसे नहीं देता, उसकी उपज में कोई न कोई कमी निकालकर किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है, साथ ही किसान कई रातें मंडी में काटने को मजबूर रहता है। बाद में सुविधा शुल्क लेकर खरीद हो जाती है।इन्ही सब परेशानियों को लेकर किसानों ने अनशन प्रारंभ कर दिया है। जानकारी के अनुसार कृषि उपज मंडी बकस्वाहा में बकस्वाहा व बम्होरी सहकारी समिति द्वारा खरीदी की जा रही है। खरीद केंद्र पर पहले किसानों की उपज को सही बताकर उनका नम्बर लगा दिया जाता है, उनकी उपज मंडी बुलवा ली जाती है, फिर बोला जाता कि निजी ग्रेडर (छन्ना) से फसल साफ करवाओ। ग्रेडर वाला 100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से पैसे मांगता, जो नहीं देता, उस किसान को मंडी में नम्बर आने का इंतजार करने को बोल दिया जाता है।
सर्वेयर उपज में कमी निकालकर अमानक बता रहा
तुलाई के लिए अपने नम्बर के इंतजार में किसान खरीद केंद्र पर ही दो से तीन दिन तक खड़े रहते हैं और जब उनका नम्बर आता है तो केंद्र पर तैनात सर्वेयर किसी तरह से उपज में कोई न कोई कमी निकालकर खरीद के लिए अमानक बता देता है। जिससे किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। एक तो किसान पहले से ही लंबे इंतजार के कारण थके व परेशान रहते हैं, वहीं तौल के लिए नम्बर आते ही अचानक उनकी उपज में कमी बता दिए जाने से उनके सामने परेशानी दोगुनी हो जाती है। फिर सर्वेयर को सुविधा शुल्क देकर उपज को तौलने भेज दिया जाता है, जो किसान पैसा देने में सक्षम नही वो मंडी में ही दिन-रात बैठे रहते हैं।
उद्योगपति ले रहे योजना का लाभ
किसानों ने बताया कि जो अनाज का काम करने वाले उद्योगपति हैं, उनकी सैटिंग है तो उनकी उपज को न सर्वेयर रोकते हैं और न उनको ग्रेडर में डालना पड़ता है। वह कसानों से बातचीत करके सैटिंग बनाता है और निर्धारित सुविधा शुल्क या तुलाई में कुछ ले देकर किसानों की उपज की तुलाई करा देेता है। इस तरह से यहां किसानों को सीधे-सीधे लूटा जा रहा है। किसानों का कहना है कि खरीद केंद्र पर किसानों के लिए सही सुविधाएं नहीं हैं और उन्हेें परेशान भी किया जा रहा है।
परेशान किसान तहसील ग्राउंड में अनशन पर बैठ गए
परेशान किसान तहसील के सामने टेंट लगाकर अनशन पर बैठ गए किसानों का कहना है कि 10 दिन पहले हम लोगों ने ज्ञापन दिया था, पर किसानों की बात नहीं सुनी गई है। वहीं उन्होंने कहा कि विधायक प्रद्युम्न सिंह ने भी मंडी जाकर एक बार किसानों की समस्या तक जानने की जहमत तक नहीं उठाई।
इनका कहना है
तहसीलदार ने कहा कि किसानों के कहने पर मैंने मंडी का निरीक्षण किया था तो अनियमितता मिली, उन्होंने भास्कर से बात करते हुए कहा कि मेरी जानकारी में आया है कि मंडी में रुपयों की मांग होती है। किसानों की शिकायत सामने आने पर कार्रवाई करूंगा। -झाम सिंह, तहसीलदार, बकस्वाहा
Created On :   26 Dec 2018 6:02 PM IST