सीआरपीएफ जवान दे गया कई लोगों को जिंदगी

CRPF jawan gave life to many people
सीआरपीएफ जवान दे गया कई लोगों को जिंदगी
सीआरपीएफ जवान दे गया कई लोगों को जिंदगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व नागपुर स्थित न्यू ईरा हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक अंग प्रत्यारोपण किया गया। मरणोपरांत भी संदीप महाजन दूसरे शरीर में जिंदा रहेंगे। हाल ही में न्यू ईरा हॉस्पिटल में जलगांव जिले में स्थित निपानी गांव निवासी 39 साल के संदीप रामदास महाजन के शरीर के अवयव दान किए गए। संदीप महाजन  सीआरपीएफ में कुक के पद पर कार्यरत थे। अंगदान कर देश की सेवा करने वाला सिपाही अपने अंगों के माध्यम से कई लोगों को जिंदगी दे गया।

पिता ने कहा-मुझे बेटे पर गर्व है
इसी माह उन्हें हमेशा सुस्ती और पैरा पैरेसिस की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 6 दिन इलाज करने के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। डॉक्टरों की टीम ने 24 फरवरी को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। डॉ. अश्विनी ने उनकी  पत्नी मोनाली महाजन को अंगदान के लिए प्रेरित किया। उनके परिवार के सदस्य और पत्नी अंगदान करने के लिए सहमत हुए। संदीप महाजन के पिता रामदास महाजन ने कहा कि, सीआरपीएफ में रहकर भी संदीप ने देशसेवा की और अब मरणओपरांत अंगदान कर उसने 3 लोगों की जान बचाई है। मुझे उस पर गर्व है।

न्यू ईरा हॉस्पिटल की ब्रेन डेड कमेटी के सदस्यों में न्यूरोसर्जन डॉ. नीलेश अग्रवाल, न्यूरो फिजीशियन डॉ. पराग मून, इंटेसिविस्ट  डॉ. अमोल कोकस और एनेस्थेटिस्ट डॉ. साहिल बंसल का समावेश है। उनकी पहली किडनी को डॉ. रवि देशमुख और डॉ. शब्बीर राजा ने निकालकर न्यू ईरा अस्पताल में ही प्रत्यारोपण किया गया।  दूसरी किडनी का रेट्रियल और प्रत्यारोपण सावंगी, वर्धा स्थित एवीबीआरएच के सीईओ डॉ. संदीप श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर महाकाल के  मार्गदर्शन में ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. संजय कोल्ते, डॉ. जय धरमाशी और डॉ. नीलेश गुरु, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. मनीष बलवानी, डॉ. अमोल भावने, एनेथिसिस्ट डॉ. विवेक चकोले और डॉ. नीता वर्मा ने किया। प्रत्यारोपण समन्वयक डॉ. रूपाली नाईक हैं। उसी प्रकार लिवर निकालने और प्रत्यारोपण का कार्य न्यू ईरा हॉस्पिटल में डॉ. आनंद संचेती और निधिश मिश्रा के मार्गदर्शन हुआ। लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. राहुल सक्सेना और उनकी टीम डॉ. स्नेहा खाडे, ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर डॉ. अश्विनी चौधरी ने लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट टीम का समन्वय किया। इस टीम में लोकेश तरारे, गीता बावनकर, अर्चना नवघरे और शैलेश का समावेश था। 

ग्रीन कॉरिडोर से 80 मिनट का सफर 55 मिनट में तय किया
ट्रैफिक डीसीपी सारंग आव्हाड़ के मार्गदर्शन में ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया। न्यू ईरा हॉस्पिटल से सावंगी, वर्धा तक 80 किमी का ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था यह सफर केवल 55 मिनट में तय किया गया। 90 ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया। यह न्यू ईरा का 36वां और मध्य भारत का 43वां लिवर प्रत्यारोपण है। 

इन्हें मिला जीवनदान
जोनल ट्रांसप्लांट को-आर्डिनेशन सेंटर-नागपुर की ओर से प्रतीक्षा सूची में शामिल लोगों में पहली किडनी न्यू ईरा हॉस्पिटल, नागपुर में 52 वर्षीय पुरुष को दी गई। दूसरी किडनी आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल, सावंगी, वर्धा में 35 वर्षीय पुरुष को दी गई। साथ ही लिवर 60 वर्षीय पुरुष को दिया गया।
 

Created On :   26 Feb 2021 2:54 PM IST

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