ग्राहक शिकायत निवारण आयोग करेगा शिकायतों की सुनवाई

Customer Grievance Redressal Commission will hear complaints
ग्राहक शिकायत निवारण आयोग करेगा शिकायतों की सुनवाई
ग्राहक शिकायत निवारण आयोग करेगा शिकायतों की सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   महावितरण के आंतरिक ग्राहक शिकायत निवारण कक्ष द्वारा शिकायत के दो वर्ष बाद भी कार्रवाई नहीं करने पर ग्राहक उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग की शरण ले सकते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने हाल ही में एक याचिका की सुनवाई में यह निर्णय दिया है। महावितरण ने हिंगना स्थित मेसर्स आरएसआर मोहता सूतगिरणी पर अप्रैल 2010 से नवंबर 2012 तक की अवधि का बिजली उपयोग कर लगाया। सूतगिरणी ने मामले में ग्राहक शिकायत निवारण आयोग में शिकायत की। आयोग ने महावितरण का फैसला सही करार दिया, तो याचिकाकर्ता ने उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग की शरण ली। 

अर्जी खारिज कर दी : आयोग ने इस तर्क के साथ अर्जी खारिज कर दी कि अर्जी दो वर्ष की कालावधि के भीतर दायर नहीं की गई। इसके बाद बिजली आयाेग के पास से लोकपाल के पास मामले की सुनवाई हुई। 26 अगस्त 2017 को लोकपाल ने आयोग के फैसले को अवैध करार देकर महावितरण की कर वसूली के 1 जून 2015 के आदेश को रद्द किया। साथ ही कंपनी द्वारा जमा कराई गई रकम भी लौटाने के आदेश दिए। मामले में महावितरण ने हाईकोर्ट की शरण ली। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
 

Created On :   22 Jun 2021 2:26 PM IST

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