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दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे को डॉ. एमवी कामथ मेमोरियल अवॉर्ड

- एडवांस पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा पहली बार चालू किया जा रहा है
- विद्यार्थी 3 दिन जब किसान के घर पर रहेंगे तो उन्हें वास्तविक जिंदगी और सुविधाओं का मूल्य पता चलेगा।
- डॉ. एम.वी. कामथ की याद में यह अवॉर्ड दिया जाता है।
- दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे को उत्कृष्ट पत्रकारिता 2018 के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया।
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पत्रकारिता में बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं लेकिन सिर्फ बदलाव ही नहीं हमें ट्रांसफार्म करना भी जरुरी है। नए दौर में इंस्टंट मीडिया आया है, जो खबर देने से पहले ट्वीट कर जानकारी देता हैं। इससे हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है कि हमें पहले कौन सी न्यूज दिखाना है। यह बात पब्लिक रिलेशन ऑफ इंडिया के चेयरमेन बी.एन.कुमार ने कही। वह शनिवार को ग्रेटनाग रोड स्थित दैनिक भास्कर कार्यालय में दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे को उत्कृष्ट पत्रकारिता 2018 के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देते समय बोल रहे थे। डॉ. एम.वी. कामथ की याद में यह अवॉर्ड दिया जाता है।
एडवांस पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा शीघ्र
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मेघनाद बोधनकर, जनमंच के अध्यक्ष शरद पाटील सहित दैनिक भास्कर परिवार के सदस्य उपस्थित थे। उन्होंने कहा ऐसा देखने में आया है कि शुरुआत में मीडिया में जो न्यूज आई वहां कि सच्चाई ही कुछ और थी। खबर के आधार पर मंत्री मामले की जांच के आदेश भी दे देते हैं। ऐसे में जरुरी है कि संबंधित संस्थान को आगे आकर घटना के बारे में जानकारी देनी चाहिए। घायलों से मिलने अस्पताल जाएं और मुआवजे की घोषणा करें। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी से निकले पत्रकार एसी में रहते हैं और उन्हें वास्तविकता का पता नहीं होता है। एडवांस पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा पहली बार चालू किया जा रहा है, विद्यार्थी 3 दिन जब किसान के घर पर रहेंगे तो उन्हें वास्तविक जिंदगी और सुविधाओं का मूल्य पता चलेगा। इस अवसर पर मेघनाद ने कहा कि यह सम्मान सही समय पर सही व्यक्ति को दिया जा रहा है। सत्कारमूर्ति का पत्रकारिता में लोकल,नेशनल व इंटरनेशनल योगदान रहा है।
समाचार की परिभाषा बदल गई
सत्कार मूर्ति समूह संपादक प्रकाश दुबे ने कहा कि मेरे विचार में अब समाचार की परिभाषा बदल गई है, इस विषय पर मैं बोलने वाला था लेकिन किन्हीं कारणों से अवॉर्ड कार्यक्रम में नहीं पहुंच सका। यह समय इस बात को समझने का है कि समाचार की कीमत कौन लगा रहा है और खबर की क्या कीमत है।
Created On :   19 March 2018 11:21 PM IST