डेल्टा प्लस का खतरा : जिला परिषद उप चुनाव टला

Danger of Delta Plus: Zilla Parishad by-election postponed
डेल्टा प्लस का खतरा : जिला परिषद उप चुनाव टला
डेल्टा प्लस का खतरा : जिला परिषद उप चुनाव टला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य चुनाव आयोग ने जिला परिषद उपचुनाव को टालने का फैसला किया है। आयोग ने इसके लिए कोरोना के नए स्वरूप डेल्टा प्लस के प्रसार को कारण बताया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले दिनों नागपुर सहित 5 जिला परिषद और 33 पंचायत समितियों के उप चुनाव घोषित किए गए थे। नागपुर जिला परिषद की 16 और पंचायत समिति की 31 सीटों के उपचुनाव की घोषणा हुई थी। जिला परिषद के लिए 106 और पंचायत समिति के लिए 164 नामांकन भरे गए थे, जिसमें से जिला परिषद के 3 और पंचायत समिति के 4 नामांकन अवैध ठहराए गए। उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था। 

चुनाव टालने की मांग कर रही थीं पार्टियां 
हमारे मुंबई ब्यूरो के अनुसार दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है। ये उपचुनाव बगैर ओबीसी आरक्षण के हो रहे थे। इसलिए राज्य के ओबीसी नेता चुनाव टालेने की मांग कर रहे थे। विपक्षी भाजपा भी चुनाव टालने के पक्ष में थी। उप चुनाव टालने के लिए राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने राज्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा था, पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चुनाव टालने से इंकार कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई थी, पर सर्वोच्च अदालत ने चुनाव टालने का आदेश देने से इंकार कर दिया था। 

कोरोना में सुधार के बाद होगा चुनाव
अब राज्य चुनाव आयोग ने कोरोना के चलते जिला परिषद व पंचायत समितियों के चुनाव टालने का फैसला किया है। राज्य चुनाव आयुक्त यू.पी.एस. मदान ने कहा कि नागपुर, अकोला, वाशिम, धुले, नंदुरबार जिला परिषद और 33 पंचायत समितियों के चुनाव के लिए 19 जुलाई को मतदान होना था, लेकिन 7 जुलाई 2021 को राज्य सरकार ने कोरोना के मद्देनजर चुनाव टालने की विनती की थी। सुप्रीम कोर्ट के 6 जुलाई के आदेश और राज्य सरकार की विनती को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग ने संबधित जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मंगाई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर जिला परिषद उप चुनाव टालने का फैसला किया है। अब लागू चुनाव आचार संहिता को शिथिल कर दिया गया है। कोरोना की स्थिति में सुधार के बाद चुनाव कराया जाएगा। अब तक जो चुनाव प्रक्रिया पूरी हुई है, उसी पर उसे स्थगित किया गया है। यानी जिन लोगों ने इस उप चुनाव के लिए नामांकन किया है, उसे आगे होने वाले मतदान के लिए वैध माना जाएगा।

बागियों की मुश्किलें बढ़ेंगी
चुनाव स्थगित होने से नामांकन भरने वाले उम्मीदवारों को मतदाताओं से संपर्क बढ़ाने का अवसर मिला है, लेकिन पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ेंगी। चुनाव से पहले ही उन्हें पार्टी से हटाया जा सकता है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस तथा भाजपा से अनेक उम्मीदवारों ने बगावत कर चुनाव मैदान में ताल ठोंक दी है। 

Created On :   10 July 2021 8:41 AM GMT

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