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जायजाद हाथ से जाते देख दत्तक पुत्र ने कर दी मौसा की हत्या, कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जिला अदालत ने गोद लेने वाले मौसा की हत्या करने वाले दत्तक पुत्र अंकित शिवहरे को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अखिलेश शुक्ला ने आरोपी पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे मामले में आरोपी पर नरमी नहीं बरती जा सकती है।
अभियोजन के अनुसार विजय नगर थाना अंतर्गत शिवनगर निवासी सीताराम चौकसे और शशि चौकसे की संतान नहीं थी। उन्होंने कटनी निवासी अपनी साली सुषमा के पुत्र अंकित शिवहरे को गोद लिया था। सीताराम चौकसे ने अपने पास रखकर अंकित की स्कूल की पढ़ाई पूरी कराई। इसके बाद इंजीनियरिंग करने के लिए एडमिशन करा दिया। बीई फस्र्ट ईयर की पढ़ाई करने के बाद अंकित अपने घर कटनी चला गया। इसके बाद उन्होंने अपनी दूसरी साली के पुत्र साहिल को अपने पास रख लिया। 14 फरवरी 2017 को दोपहर में अंकित शिवनगर आया। रात में खाना खाने के बाद वह हॉल में सो गया। सीताराम चौकसे, शशि चौकसे और साहिल अंदर वाले कमरे में सो रहे थे।
सिर पर सिल पटककर हत्या
सुबह 4 बजे जब चीख की आवाज सुनकर शशि चौकसे की नींद खुली तो अंकित उसके पति सीताराम चौकसे के सिर पर मसाला पीसने वाले लोढे से वार कर रहा था। जब शशि ने उसे रोकने की कोशिश की तो अंकित ने सीताराम चौकसे के सिर पर सिल पटक दिया। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद अंकित ने शशि चौकसे के सिर पर भी लोढे से वार किया। इसके बाद वह भाग गया।
साहिल को रखने और पत्नी के नाम वसीयत करने से था नाराज
पुलिस जांच में पता चला कि सीताराम चौकसे ने अंकित के जाने के बाद अपनी दूसरी साली के बेटे साहिल को अपने पास रख लिया था। इसके साथ उसने संपत्ति की वसीयत अपनी पत्नी शशि चौकसे के नाम कर दी थी। इससे नाराज होकर अंकित ने अपने मौसा सीताराम चौकसे की हत्या कर दी। शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता राजेश तिवारी और विशेष लोक अभियोजक अजय जैन ने तर्क दिया कि आरोपी ने संपत्ति के लालच में गोद लेने वाले मौसा की जघन्य तरीके से हत्या की है। ऐसे मामले में आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को उम्र कैद और 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
Created On :   30 Nov 2018 6:22 PM IST