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बेटियों को डिमेंशिया से पीड़ित मां का नियुक्त किया संरक्षक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने डिमेंशिया (मानसिक बीमारी) से पीड़ित एक 84 वर्षीय बुजुर्ग महिला की बेटियों को उसका संरक्षक नियुक्त किया है। बेटियो ने अपनी मां का संरक्षक नियुक्त किए जाने की मांग को लेकर कोर्ट याचिका दायर की थी। याचिका में बेटियों ने दावा किया था कि उनकी मां की सेहत ठीक नहीं है। वर्तमान में जहां उनकी मां का इलाज चल रहा है वहां से उन्हें उपचार के लिए दूसरी जगह ले जाने की सलाह दी गई है।
मां के उपचार के लिए उन्हें और पैसों की जरुरत महसूस हो रही है। ताकि वे अपनी मां का बेहतर ढंग से इलाज करा सके। हमारी मां के बैंक खाते में पर्याप्त पैसे है। याचिका के मुताबिक शुरुआत में बैंक ने मां के उपचार के लिए जरुरी पैसे दिए थे। किंतु अब बैंक ने पैसे देने से मना कर दिया है। लिहाजा अब उन्हें (बेटियो) अपनी मां का संरक्षक नियुक्त किया जाए। ताकि वे मां के उपचार के लिए बैंक से पैसे निकाल सके और उसकी संपत्ति की भी देखरेख कर सके।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने याचिका में मांगी गई राहत का विरोध किया। सरकारी वकील ने कहा कि बेटियों को पहले इस मामले को लेकर मेंटल हेल्थ एक्ट, राइट आफ पर्सन विथ डिसेबिलिटी एक्ट और नेशनल वेलफेयर ट्रस्ट के तहत बनाए गए सक्षम प्राधिकरण के पास जाना चाहिए। लेकिन याचिकाकर्ता ने ऐसा करने की बजाय सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि कोई सक्षम प्राधिकरण के पास नहीं गया है। इसलिए हमे आदेश देने से नहीं रोका जा सकता है। खंडपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता के भाई (जो कि लंडन में है) ने भी अपनी बहन को मां का संरक्षक नियुक्त करने की सहमति व समर्थन दिया है। इसके मद्देनजर हम बेटियों को उनकी मा संरक्षक नियुक्त करते है। वे अपनी मां के खाते को आपरेट कर सकती और अपनी मां की संपत्ति को भी देख सकती है।
Created On :   18 Dec 2021 7:55 PM IST