कीटनाशक विषबाधा, भगदड़ और इमारत ढहने से मौत पर परिजन को मिलेगी 4 लाख की मदद 

Death by Poisoning, stampede, collapse of building, family will gets Rs 4 lakh Compensation
कीटनाशक विषबाधा, भगदड़ और इमारत ढहने से मौत पर परिजन को मिलेगी 4 लाख की मदद 
कीटनाशक विषबाधा, भगदड़ और इमारत ढहने से मौत पर परिजन को मिलेगी 4 लाख की मदद 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। खेतों में कीटनाशक के छिड़काव करते समय होने वाली विषबाधा, धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर भगदड़ और आवासीय इमारत के ढह जाने पर मृतक व्यक्ति के परिजन को 4 लाख रुपए मिलेंगे। गुरुवार को राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। सरकार ने विभिन्न मानव निर्मित घटना और आपदा के समय आर्थिक मदद के लिए पात्र व्यक्तियों को सहायता के लिए मापदंड तय किया है। हर जिले में जिलाधिकारी के माध्यम से मदद राशि दी जाएगी।

शासनादेश के अनुसार खेतों में कीटनाशक के छिड़काव करते समय, धार्मिक स्थानों और सार्वजनिक जगहों पर भगदड़ की घटना में यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो मृतक व्यक्ति के परिजन को सरकार की तरफ से 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। इसके अलावा वह पुरानी और जर्जर आवासीय अधिकृत इमारत के ढहने पर 4 लाख रुपए की मदद दी जाएगी जिसको खाली करने का नोटिस स्थानीय प्राधिकरण की तरफ से नहीं दिया गया होगा। इन घटनाओं में मृत्यु का कारण प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारियों से प्राप्त होना आवश्यक होगा।

इन घटनाओं में यदि व्यक्ति के हाथ, पैर, आंख अथवा शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर दिया हो और उस कारण प्रभावित व्यक्ति को विकलांगता आई होगी तो भी मदद की जाएगी। आपदा प्रभावित व्यक्ति को 60 प्रतिशत से ज्यादा विकलांगता आने पर 2 लाख रुपए, 40 से 60 प्रतिशत विकलांगता आने पर 1 लाख रुपए और 25 से 39 प्रतिशत विकलांग होने पर 50 हजार रुपए की मदद मिल सकेगी। लेकिन प्रभावित व्यक्ति को विकलांगता प्रमाण पत्र और उसके कारणों के बारे में सरकारी अस्पतालों के प्राधिकृत चिकित्सा अधिकारी से प्रमाणित करना आवश्यक होगा।

यदि इन घटनाओं में जख्मी व्यक्ति को अस्पताल में दाखिल कराया गया होगा तो उसे इलाज के लिए प्रति दिन 1 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। यह मदद अधिकतम 14 दिन के लिए 14 हजार रुपए तक प्रदान की जाएगी। संबंधित घटना के संबंध में पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए मामले में आरोपी के रूप में मदद के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति का नाम नहीं होना चाहिए। 
 

Created On :   19 July 2018 3:20 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story