अस्पताल में ऑक्सीजन न होने से हुई नवजात की मौत

Death of baby due to lack of oxygen in birla hospital satna
अस्पताल में ऑक्सीजन न होने से हुई नवजात की मौत
अस्पताल में ऑक्सीजन न होने से हुई नवजात की मौत

डिजिटल डेस्क ,सतना। अस्पतालों में व्याप्त अनियमितता डॉक्टरों की लापरवाही तथा एम्बुलेंस जैसे जीवन रक्षक वाहन का चार कदम चलकर डीजल खत्म हो जाने जैसी शर्मनाक बातों ने यहां  एक नवजात की जीवनलीला समाप्त कर दी । यहां एक बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन न होना इतना ही नहीं एम्बुलेंस का भी न होना घोर आश्चर्यजनक है यही दोनों कमियां इस नवजात के लिए मौत का कारण बन गए।  दरअसल, उतैली के रहने वाले चंद्रप्रकाश की 27 वर्षीया पत्नी ममता ने बिरला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। मगर  डॉक्टरों ने नवजात को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।  विश्वकर्मा का आरोप है कि बिरला हॉस्पिटल में ऑक्सीजन नहीं था जिसके कारण उसके बेटे को रेफर कर दिया गया।  जब किसी का वक्त खराब होता है तो उसकी किस्मत भी उसका साथ छोड़ देती है। चंद्रप्रकाश विश्वकर्मा के साथ भी यही हुआ।
रास्ते में लग गया आधा घंटा
डॉक्टरों ने नवजात को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बेटे को जिला अस्पताल तक ले जाने के लिए जब उन्होंने निजी नर्सिंग होम से एम्बुलेंस की मदद मांगी तब भी अस्पताल प्रबंधन ने दो टूक लहजे में कह दिया कि उनके यहां एम्बुलेंस की सुविधा मुहैया नहीं है। चंद्रप्रकाश अपने बेटे को गोद में लिए बिरला अस्पताल के बाहर आया जहां उसे प्राइवेट एम्बुलेंस नजर आईं। उसने एक एम्बुलेंस को किराए पर लिया और बच्चे को लेकर जिला अस्पताल की ओर जैसे ही निकला एम्बुलेंस का डीजल खत्म हो गया।
और 10 मिनट में निकला दम
डीजल खत्म होने के बाद वह किसी तरह दूसरे वाहन से जिला अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई पहुंचा और ड्यूटी पर तैनात डॉ. विनोद दाहिया ने बेटे को भर्ती कर दिया मगर 10 मिनट बाद ही नवजात के प्राण पखेरू उड़ गए। इस मामले में जब बिरला हॉस्पिटल के पीआरओ हरिशंकर मिश्रा ने पड़ताल की कोशिश की गई तो उनके नम्बर पर बात नहीं हो पाई।

 

Created On :   28 Feb 2019 1:36 PM IST

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