गायनिक ओटी में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा

Death of mother and child,angry family member ruckus in hospital
गायनिक ओटी में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा
गायनिक ओटी में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में लापरवाही का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गायनिक ओटी में दोपहर एक प्रसूता और नवजात की मौत हो गई। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने वार्ड में जमकर हंगामा मचाया और स्टाफ पर रुपए लेने का आरोप लगाते हुुए कार्रवाई की मांग की।  गायनिक वार्ड में हंगामे की सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया तब कहीं मामला शांत हो पाया।
अमरवाड़ा के ग्राम महेन्द्रवाड़ा के राधेश्याम चंद्रवंशी ने बताया कि सुबह 11 बजे उसने पत्नी 22 वर्षीय रामकुमारी चंद्रवंशी को प्रसव पीड़ा बढऩे पर जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में भर्ती कराया था। यहां उसे बताया गया कि रामकुमारी का बीपी बढ़ा हुआ है, जिसकी वजह से उसकी हालत गंभीर है। इसके बाद भी उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाकर सीजर किया गया। इस लापरवाही की वजह से उसकी पत्नी और नवजात बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने वार्ड में चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा मचाया।
प्रसव कराने दिए रुपए-
गर्भवती रामकुमारी का प्रसव कराने के एवज में रुपयों की मांग का आरोप लगाते हुए उसके परिजनों ने बताया कि वार्ड के स्टाफ ने उनसे एक हजार रुपए लिए थे। हालांकि जच्चा-बच्चा की मौत के बाद रुपए लेने वाली महिला स्टाफ नदारद हो गई। पुलिस ने परिजनों से स्टाफ की पहचान कराने का प्रयास भी किया , लेकिन महिला स्टाफ नहीं मिली।
पहले भी वार्ड में हो चुकी है तोडफ़ोड़-
इसके पहले पांच मार्च की शाम प्रसव पीड़ा के दौरान कुंडालीकला निवासी 27 वर्षीय श्याम कुमारी पति रिंद कुमार पहाड़े की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया था। इस दौरान वार्ड में तोडफ़ोड़ की गई थी। इसी तरह की लापरवाही शुक्रवार को दोबारा सामने आई। रामकुमारी की मौत के बाद भी परिजनों ने जमकर हंगामा किया।  
एक माह में चौथी मौत-
प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। बताया जा रहा है कि मार्च माह में यह चौथी मौत है। इसके पहले दो गर्भवती की मौत गायनिक वार्ड में हो चुकी है वहीं एक गर्भवती की मौत नागपुर ले जाते वक्त हुई थी। वहीं शिशु मृत्यु दर देखी जाए तो जनवरी में 18 और फरवरी में 28 नवजात दम तोड़ चुके है। जिनमें 24 लड़के और 22 लड़कियां शामिल है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
- गर्भवती महिला का बीपी बढ़ा हुआ था। इसी के साथ उसे गंभीर कठिनाईयां थी। जिसकी वजह से जच्चा-बच्चा को नहीं बचाया जा सका। वहीं परिवार का आरोप था कि स्टाफ द्वारा डिलेवरी के लिए रुपए लिए गए है। शिकायत की जांच की जा रही है। जांच में लापरवाही उजागर होने पर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ.सुशील राठी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

 

Created On :   30 March 2019 7:42 AM GMT

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