एकेडमिक काउंसिल के सुझाव पर 25 जून को निर्णायक बैठक

Decision meeting on 25 June on the suggestion of the Academic Council
एकेडमिक काउंसिल के सुझाव पर 25 जून को निर्णायक बैठक
एकेडमिक काउंसिल के सुझाव पर 25 जून को निर्णायक बैठक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष की परीक्षा को लेकर एकेडमिक काउंसिल की ऑनलाइन बैठक की, जिसमें सभी सदस्यों से उनकी राय पूछी गई। वरिष्ठ सदस्यों ने सुझाव दिया कि कॉलेज स्तर पर होने जा रही इस परीक्षा में नागपुर यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्रों का उपयोग हो, इसके अलावा परीक्षा से जुड़ी अन्य जरूरी सुविधाएं विश्वविद्यालय कॉलेजों को उपलब्ध कराएं। कॉलेज में होने जा रही परीक्षा पारदर्शी हो, इसलिए नियमों को सख्ती से लागू करने पर सदस्यों ने जोर दिया। यूनिवर्सिटी के अधिष्ठाताओं और परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रफुल्ल साबले ने कहा कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के पहले बैंक के विषयों की परीक्षा होना जरूरी है। इन सभी सूचनाओं को रिकार्ड पर लेकर 25 जून को होने वाली राज्यपाल और कुलगुरुओं की बैठक में नागपुर यूनिवर्सिटी की ओर से डॉ. मुरलीधर चांदेकर हिस्सा लेंगे। इसके बाद ही मामले में अंतिम फैसला होगा।

विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष की सभी परीक्षा कॉलेजों को सौंपी है। अभाविप के अनुसार यह सही नहीं है। परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि यूनिवर्सिटी ही अंतिम वर्ष की परीक्षा ले। हां, विद्यार्थी अपने कॉलेज में ही ये परीक्षा दें, इसमें कोई परेशानी नहीं है। यूनिवर्सिटी को तहसील स्तर पर भी परीक्षा के केंद्र बनाने चाहिए, ताकि घर से दूर रह कर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा देने में तकलीफ न हो। संगठन के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने अब तक अंतिम वर्ष के ऐसे विद्यार्थी जिन्हें बैक हैं, उन पर अपनी नीति स्पष्ट नहीं की है। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए यूनिवर्सिटी को जल्द से जल्द इस पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए।

जुलाई में परीक्षा लेना है
नागपुर विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक जुलाई में अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। इसमें एक मुख्य समस्या यह है कि लॉकडाउन के कारण सभी विद्यार्थी अपने-अपने घरों में हैं। हॉस्टल खाली हैं। यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में अन्य राज्यों विशेषकर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे सीमावर्ती राज्यों के विद्यार्थी पढ़ते हैं। कई विद्यार्थी तो लेह-लद्दाख जैसे दूरस्थ प्रदेशों से हैं। इन्हें तो हाल ही में विशेष ट्रेन से घर भेजा गया है। ऐसे में जुलाई में परीक्षा ली, तो इन्हें परीक्षा से वंचित रहने की नौबत आ सकती है। ऐसी स्थिति में अब विद्यार्थी संगठन विविध मांगें विश्वविद्यालय के समक्ष रख रहे हैं।

शिक्षा संस्थाओं से लें मदद
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों की परीक्षा उनके घर के नजदीकी परीक्षा केंद्र पर आयोजित करने की मांग की है। संगठन के अनुसार, यूनिवर्सिटी स्थानीय कॉलेजों और शिक्षा संस्थाओं से परीक्षा पर मदद मांगें। संगठन के महानगर मंत्री अमित पटले के अनुसार, जुलाई में परीक्षा लेने के पूर्व यह जरूरी है कि विवि अपने हॉस्टल शुरू करें, क्योंकि अब अगर विद्यार्थी अपने कॉलेजों को नहीं लौटे, तो किसी को नया रूम या फ्लैट किराए पर नहीं मिलने वाला। वहीं, दूसरे राज्यों और महाराष्ट्र में अभी तक आवागमन शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में विद्यार्थी अपने कॉलेजों को लौट कर परीक्षा कैसे देंगे?

Created On :   28 May 2020 10:51 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story