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दैनिक भास्कर हिंदी: धर्म का नहीं, भेदभाव दूर करने का प्रयास था सबरीमाला पर निर्णय : श्रीहरि अणे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सबरीमाला प्रकरण यह धार्मिक मुद्दा कम और असमानता और भेदभाव का मुद्दा अधिक था। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद यह विवाद समाप्त तो नहीं हुआ, लेकिन बढ़ जरूर गया है। राज्य के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने सिविल लाइंस स्थित बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के सभागृह में आयोजित अपने व्याख्यान में यह बात कही। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के स्टडी सर्कल उपक्रम के तहत "धार्मिक स्वतंत्रता और सबरीमाला निर्णय' विषय पर यह व्याख्यान आयोजित किया गया था। अणे ने आगे कहा कि किसी धार्मिक परंपरा की कितनी जरूरत है और उनका पालन नहीं होने से धर्म या समाज कितना खतरे में आएगा, इस पर विचार होना चाहिए।
सबरीमाला प्रकरण केवल धार्मिक स्वतंत्रता का ही मुद्दा नहीं था, बल्कि स्त्री और पुरुष समानता का अहम मुद्दा था। कानून से सामाजिक परिवर्तन नहीं होता, यह तो साफ बात है, क्योंकि यदि ऐसा होता तो संविधान के मुताबिक छूआछूत प्रथा समाप्त हो जानी चाहिए थी। सती प्रथा बंद हुई, तब भी इसका बहुत विरोध हुआ था। इतना ही नहीं, प्रथा बंद होने के कई साल बाद तक महिलाएं सती हो रही थीं। समाज धीरे-धीरे बदलाव को स्वीकार करता है। सबरीमाला प्रकरण भी इसी तरह स्वीकृति प्राप्त करेगा। अपने व्याख्यान में अणे ने बीते 60 वर्षों के विविध फैसलों का हवाला देते हुए अपने विचार रखे। इस दौरन मंच पर एचसीबीए अध्यक्ष अनिल किल्लोर, सचिव प्रफुल्ल खुबालकर और उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम पाटील उपस्थित थे।
जज लोया प्रकरण में दायर फौजदारी याचिका पर टली सुनवाई
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अधिवक्ता सतीश उके द्वारा दायर जज ब्रिजगोपाल लोया मृत्यु प्रकरण से जुड़ी याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति एस. बी. शुक्रे और न्यायमूर्ति एस. बी. मोडक की बेंच में यह मामला सुनवाई के लिए आया, लेकिन जजों ने मामले को अन्य बेंच के समक्ष लगाने के आदेश जारी किए। उल्लेखनीय है कि इस याचिका में एड. उके ने दावा किया है कि 1 दिसंबर 2014 को शहर के सिविल लाइंस स्थित रवि भवन में जज लोया की मृत्यु हार्टअटैक से नहीं हुई, बल्कि उन्हें रेडियो एक्टिव आयसोटॉप जहर देकर मारा गया।
बीते दिनों लोया प्रकरण से जुड़े सभी मामले सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिए थे। अब उके का दावा है कि उनके पास इस प्रकरण से जुड़े ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जिससे कि कई राजनीतिक हस्तियों की इस प्रकरण में लिप्तता सामने आएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने उके के पास मौजूद दस्तावेजों को देखे बगैर आदेश जारी किया था। ऐसे में वे एक बार फिर नए सिरे से याचिका दायर कर रहे हैं।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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