सुधा भारद्वाज के जमानत आवेदन पर फैसला सुरक्षित

Decision reserved on Sudha Bhardwajs bail application
सुधा भारद्वाज के जमानत आवेदन पर फैसला सुरक्षित
सुधा भारद्वाज के जमानत आवेदन पर फैसला सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज के जमानत आवेदन पर फैसला सुरक्षित कर लिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने भारद्वाज के जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि पुणे सत्र न्यायालय पास साल 2019 में इस प्रकरण से जुड़े आरोपपत्र का संज्ञान लेने का अधिकार था। क्योंकि तब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इस मामले की जांच नहीं सौंपी गई थी। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने दावा किया कि चूंकि एनआईए इस प्रकरण की जांच पहले नहीं कर रही थी इसलिए मामले की सुनवाई निचली अदालत में चल सकती थी।  वहीं भारद्वाज ने अपने जमानत आवेदन में दावा किया है कि पुणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केडी वादने इस मामले से जुड़े आरोपपत्र का संज्ञान लिया था जबकि वे इसके लिए अधिकृत नहीं थे।

सिर्फ विशेष अदालत के न्यायाधीश ही इस मामले के आरोपपत्र का संज्ञान ले सकते हैं। न्यायाधीश वाद ने विशेष सत्र न्यायाधीश नही थी फिर भी उन्होंने स्वयं को विशेष न्यायाधीश माना था। इसलिए उनके द्वार जारी किए गए आदेश को रद्द किया जाए और मुझे जमानत दी जाए। इस दौरान भारद्वाज की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता युग चौधरी ने अपने मुवक्किल के दावे को पुष्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। जिन्हें श्री कुंभकोणी ने अप्रसांगिक बताया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने भी भारद्वाज की जमानत का विरोध किया। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। 

Created On :   4 Aug 2021 7:04 PM IST

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