शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के आवेदनों पर 8 सप्ताह में हो फैसला

Decision to be taken in 8 weeks on the applications of the employees of Education Department
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के आवेदनों पर 8 सप्ताह में हो फैसला
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के आवेदनों पर 8 सप्ताह में हो फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों की ओर शिक्षा अधिकारियों को दिए जाने वाले निवेदनों पर आठ सप्ताह के भीतर और इन कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े मामलों में चार सप्ताह में निर्णय लिया जाना चाहिए। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से शिक्षा विभाग से जुड़े मुकदमों को कम करने को लेकर अपने उपरोक्त सुझावों पर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने कहा कि शिक्षा विभाग से जुड़े मामले को लेकर अर्ध न्यायिक आदेश देनेवाले शिक्षा अधिकारी कम से कम विधि स्नातक व कानूनी पृष्टभूमि के होने चाहिए। इन सुझावों पर भी खंडपीठ ने सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। 

मुकदमे कम करने बनेगा अध्ययन समूह 
इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि शिक्षा विभाग से जुड़े मकुदमे कम करने के लिए एक अध्ययन समूह बनाया गया है। जो मुकदमे कम करने से जुड़े पहलू पर विचार कर रहा है। खंडपीठ की ओर से दिए गए सुझावों को अध्ययन समूह के ध्यानार्थ लाया जाएगा। इसके अलावा जो विवाद हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले से निपट चुके है, कोर्ट के ऐसे आदेश शिक्षा अधिकारियों को भेजे जाएगे। शिक्षा विभाग को लेकर दायर होनेवाले मुकदमे को लेकर सरकार की ओर से बांबे हाईकोर्ट की नागपुर व औरंगाबाद पीठ के सामने एक जैसे हलफनाम दायर किए जाएंगे। ताकि विरोधाभासी आदेशों से बचा जा सके। इसके अलावा यदि सरकार कोर्ट के किसी फैसले से संतुष्ट नहीं होगी तो उस पर अपील के बारे में भी शीघ्रता से निर्णय किया जाएगा। 

दरअसल हाईकोर्ट में शिक्षक की नियुक्ति की मंजूरी, पेंशन व पात्रता से जुड़े मामले काफी संख्या में कोर्ट में प्रलंबित हैं। जबकि इस तरह के मामलों को लेकर हाईकोर्ट पहले ही आदेश जारी कर चुका है। फिर भी शिक्षा विभाग इन आदेशों का संज्ञान लेने की बजाय खामीपूर्ण आदेश जारी करता है। जिससे शिक्षकों का काफी समय अनावश्यक मुकदमेबाजी में नष्ट होता है और सरकार का भी इन मुकदमे के बचाव में वक्त बर्बाद होता है। इस लिए इन विषयों को देखने के लिए सरकार ने एक अध्ययन समूह बनाया है। सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता ने खंडपीठ को भरोसका दिलाया कि कोर्ट के पुराने आदेश शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंचाए जाएंगे। इसके बाद खंडपीठ ने मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई 13 अगस्त 2021 तक के लिए स्थगित कर दी। 

Created On :   6 Aug 2021 7:18 PM IST

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