नागपुर को रेड जोन में रखने का फैसला सही -HC

Decision to keep Nagpur in red zone
नागपुर को रेड जोन में रखने का फैसला सही -HC
नागपुर को रेड जोन में रखने का फैसला सही -HC

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर को रेड जोन में रखने के नागपुर महानगरपालिका आयुक्त और राज्य सरकार के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कायम रखा है।  हाईकोर्ट ने प्रशासन के इस फैसले पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया। हाईकोर्ट में दर्पन सेल्स कॉर्पोरेशन व अन्य व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान मनपा के अधिवक्ता सुधीर पुराणिक ने कोर्ट को बताया कि नागपुर को रेड जोन में रखने का फैसला मनपा और राज्य सरकार दोनों का है। ऐसे में मामले के विविध पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने यह निर्णय लिया।

19 मई को रेड जोन से बाहर किया था

राज्य सरकार ने 19 मई को नोटिफिकेशन जारी करके नागपुर को रेड जोन से बाहर किया था। इस पर अमल के लिए 22 मई तक रुकने का इंतजार करने को कहा गया था। उसी शाम मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने घोषणा कर दी कि वे नागपुर को रेड जोन से नहीं हटाएंगे। इसके लिए वे राज्य सरकार से जरूरी संवाद कर रहे हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने अपना फैसला बदल कर नागपुर को दोबारा रेड जोन में डाल दिया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्याम देवानी ने पक्ष रखा।

ये हैं याचिकाकर्ता

नागपुर क्षेत्र में प्रतिबंधित क्षेत्र छोड़ कर अन्य इलाकों में कपड़े और शराब बिक्री की अनुमति मिले, इसके लिए कपड़ा और शराब विक्रेताओं ने विविध याचिकाएं बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर की हैं। दर्पण सेल्स कारपोरेशन, रिद्धि सेल्स कॉर्पोरेशन और वाइन मर्चंेट एसोसिएशन याचिकाकर्ताओं के नाम हैं। याचिकाकर्ता व्यापारियों के अनुसार उनका सलवार सूट तैयार करके बेचने, फूड पैकेट, डिस्पोजल ग्लास तैयार करने का काम है। यह अनेक कामगार काम करते हैं, जिनके वेतन के लिए हर माह 3 लाख रुपए की जरूरत होती हैं। नागपुर में 16 मार्च और देश मे 23 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया। तबसे उनका व्यवसाय ठप है और आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है।
 

Created On :   23 May 2020 7:48 AM GMT

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