लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के प्रयास

Deemed University status for Laxminarayan Institute of Technology
लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के प्रयास
लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के प्रयास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी ने हाल ही में राज्य उच्च शिक्षा विभाग को उनके लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एलआईटी) में 31 शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को मंजूरी देने की अपील की है। दरअसल बीते दिनों नागपुर बेंच ने यूनिवर्सिटी को यह आदेश दिया था, जिसमें यूनिवर्सिटी और राज्य सरकार को मिलकर रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने पर फैसला लेने को कहा गया था। एलआईटी पूर्व छात्र संगठन सदस्य प्रसन्ना सोहडे ने इस दिशा में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने पदभर्ती पर फैसला लेने का आदेश जारी किया था। दूसरी ओर नागपुर विश्वविद्यालय, एलआईटी को ऑटोनॉमी देने का लंबे समय से प्रयास कर रहा है, लेकिन ऑटोनॉमी की राह में यहां के रिक्त पद और एनबीए की लंबी मूल्यांकन प्रक्रिया रोड़ा बनी है। 

ऐसे में यूनिवर्सिटी, एलआईटी को ऑटोनॉमस नहीं बल्कि डीम्ड यूनिर्वसिटी का दर्जा दिलाकर संस्थान को आत्मनिर्भर बनाना चाहता है। इस संबंध में बीते दिनों नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की थी। हाल ही में कुलगुरु ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी इस मामले में संपर्क किया। अब 28 सितंबर को कुलगुरु डाॅ. काणे दिल्ली में फिर एक बार जावडेकर से मुलाकात करने का प्रयास कर रहे हैं। एलआईटी रसायन शास्त्र में इंजीनियरिंग की शिक्षा देने वाला देश का एकमात्र संस्थान है। एक वक्त देशभर में प्रसिद्ध इस संस्थान से पढ़कर निकले अनेक विद्यार्थियों ने दुनियाभर में अपना नाम कमाया है। 

यहां टेक्नोलॉजी की 6, एम.टेक की 4 और केमिकल की 7 शाखाएं हैं।  संस्थान में 680 स्टूडेंट्स की प्रवेश क्षमता है, लेकिन वर्तमान में संस्था में बड़ी संख्या में पद रिक्त होने का बुरा प्रभाव संस्थान की शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर पड़ रहा है। विद्यार्थियों के लिए जरूरी ज्ञान उन्हें प्राप्त नहीं होने से उनके भविष्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इससे लंबे समय से संस्थान की ऑटोनॉमी का प्रस्ताव रुका पड़ा था। ऐसे में हाईकोर्ट में यहां पदभर्ती शुरू कराने के लिए आदेश जारी करने की प्रार्थना की गई थी। कोर्ट ने भी इस दिशा में सकारात्मक निर्देश दिए हैं। नागपुर यूनिवर्सिटी भी संस्थान का दर्जा सुधारने के प्रयास कर रहा है, अगर सबकुछ अनुरूप रहा तो जल्द ही नागपुर के शिक्षा क्षेत्र में एक और उपलब्धि जुड़ेगी। 

Created On :   19 Sept 2018 2:04 PM IST

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