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धोबी समुदाय के आरक्षण का मुद्दा लेकर राज्यपाल से मिला परीट-धोबी समाज का प्रतिनिधिमंडल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। परीट-धोबी समुदाय अनुसूचित जाति के आरक्षण को लेकर पिछले कई वर्षों से सरकार आग्रह करता आ रहा है। इसी मुद्दे को लेकर समाज के पदाधिकारियों ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए फॉर्म व निर्देशों की जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल आरक्षण समन्वय समिति व सर्व भाषिक महासंघ के पदाधिकारी डीडी सोनटेके, अनिल शिंदे, जयराम वाघ, सुदेश चित्राटे, संतोष सावतीरकर, रवींद्र वरगंटे, नरेश गुंडरेकर और आकाश कावडे शामिल थे ।
समिति ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में बताया कि 2002 में डॉ. भांडे समिति ने परीट-धोबी समाज को लेकर सिफारिश की थी कि समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए और केंद्र को एक रिपोर्ट भेजी । 2015 में इसी मुद्दे को लेकर फिर से प्रस्ताव भेजा गया । इस पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को अनुसूचित जाति में शामिल करने की बात लिखी । लेकिन केंद्र सरकार केवल सिफारिश के साथ डॉ. भांडे समिति की रिपोर्ट भेजना चाहता था । 4 सितंबर 2019 को फडणवीस सरकार ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी ।
डॉ. भांडे समिति की सिफारिशों के अनुसार धोबी समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिए। उसके बाद, 1/10/2020 को, केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग ने धोबी-पारीट समुदाय के आरक्षण के संबंध में महाराष्ट्र सरकार को एक पत्र लिखा। इसमें, उन्होंने एक तालिका में धोबी समुदाय के आरक्षण के बारे में जानकारी भेजने का अनुरोध किया । इस अनुरोध के बाद प्रस्ताव को निर्धारित तालिका में तुरंत भेजा जाना चाहिए था लेकिन राज्य सरकार ने एक वर्ष के अंतराल के बाद भी प्रस्ताव को निर्धारित तालिका में नहीं भेजा। राज्य सरकार के इस रुख से नाराज समाज के उग्र सदस्यों ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और उन्हें समाज की समस्या के बारे में अवगत कराया। महाराष्ट्र राज्य धोबी-परीट महासंघ(सर्व भाषिक)के संस्थापक अध्यक्ष डी.डी. सोनटक्के ने राज्यपाल से मामले को गंभीरतापूर्वक लेकर ध्यान देने की मांग की।
Created On :   7 Nov 2020 7:20 PM IST