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दोनों डोज लेने वाले संक्रमितों में भी मिल रहा डेल्टा वैरिएंट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में नॉन-कोविड मरीज बढ़ रहे हैं। इस कारण अस्पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर बेड के लिए ‘वेटिंग’ की स्थिति बन रही है। हालांकि कोविड मरीज काफी कम हो चुके हैं, लेकिन वर्तमान में वैक्सीन लेने के बाद भी कुछ लोग पॉजिटिव आए हैं, पर ज्यादातर लोगों में डेल्टा वायरस सामने आया है।
500 से अधिक सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग
जिले में कोविड के मरीजों की संख्या कम हो चुकी है। टीकाकरण में भी काफी तेजी है। हालांकि वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण टीकाकरण की गति धीमी हो गई है। वर्तमान में 18 से ऊपर के सभी लोगों को टीका दिया जा रहा है। जिले में फिलहाल प्रतिदिन 5 से 6 संक्रमित मरीज ही सामने आ रहे हैं। इसमें से कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जो वैक्सीन का पहला या दोनों डोज लेने के बाद भी कोविड का शिकार हुए हैं। ऐसे मरीजों पर मनपा निगरानी कर रही है। इन मरीजों के सैंपल को जीनोम िसक्वेंसिंग के लिए नीरी भेजा जा रहा है। इसमें वैक्सीन लेने के बाद भी असर करने वाले स्ट्रेन की जांच की जा रही है। अब तक 500 से अधिक सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग हुई है। इसमें ज्यादातर मरीजों में डेल्टा वैरिएंट सामने आया है।
मरीजों की स्थिति सामान्य
फिलहाल राहत की बात यह है कि नागपुर शहर में डेल्टा प्लस वैरिएंट का कोई भी मरीज नहीं मिला है। शहर में संक्रमण दर भी कम है। जो मरीज संक्रमित हो रहे हैं, उसमें अधिकतम मरीजों की स्थिति सामान्य है। अस्पताल में वेंटिलेटर और आईसीयू की आवश्यकता वाले संक्रमित मरीज न के बराबर हैं।
Created On :   23 Aug 2021 2:56 PM IST