मेयो हास्पिटल में डेंगू, वायरल और अन्य बीमारियों के मरीज बढ़े, 30% रेजिडेंट डॉक्टर बीमार

Dengue, viral and other diseases patients increased in Mayo Hospital, 30% of resident doctors became ill
मेयो हास्पिटल में डेंगू, वायरल और अन्य बीमारियों के मरीज बढ़े, 30% रेजिडेंट डॉक्टर बीमार
मेयो हास्पिटल में डेंगू, वायरल और अन्य बीमारियों के मरीज बढ़े, 30% रेजिडेंट डॉक्टर बीमार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में नॉन कोविड मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके कारण शासकीय अस्पतालों में भी लोड बढ़ता जा रहा है। अस्पताल में डेंगू, वायरल और अन्य दूसरी बीमारियों के मरीज बढ़े हैं। इसका भार डॉक्टरों पर पड़ रहा है, लेकिन कई डॉक्टर और स्टाफ ही डेंगू और वायरल से ग्रस्त हो गए हैं। मार्ड प्रतिनिधि ने बताया कि मेयो अस्पताल में करीब 30 प्रतिशत स्टाफ डेंगू पॉजिटिव मिले हैं। पिछले शनिवार तक 17 डॉक्टरों के डेंगू पॉजिटिव होने की जानकारी है। दूसरे डॉक्टर भी वायरल का शिकार हो रहे हैं। 
3 में से एक बैच ही काम पर 
मेयो अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की तीन बैच हैं, जेआर1 और जेआर 2 और जेआर 3, इसमें से जेआर1 और जेआर2 ही काम कर रहे हैं। जेआर 3 के डॉक्टरों की परीक्षा चल रही है, इसलिए वह काम नहीं कर रहे हैं। 

ईएनटी विभाग में सिर्फ 4 डॉक्टर कर रहे काम

डेंगू से मेयो का हर विभाग परेशान
-ऑर्थो विभाग में 18 लोगों में से िसर्फ 12 लोग काम कर रहे हैं। इसमें भी डॉक्टर डेंगू पॉजिटिव आ गए हैं। शेष डॉक्टर ही ओपीडी के मरीज संभाल रहे हैं। ओपीडी के लिए भी सिर्फ 2 से 3 डॉक्टर बचे हैं, जबकि ऑर्थो की ओपीडी 160-170 प्रतिदिन की हो रही है। 
-ईएनटी के जेआर1 के सभी 4 डॉक्टर डेंगू पॉजिटिव हो चुके हैं। जेआर3 के डॉक्टर पढ़ाई के लिए छुट्टी पर हैं।  विभाग में अब सिर्फ 4 रेजिडेंट डॉक्टर बचे हैं। 
-सर्जरी विभाग में अब तक 12 लोग बीमार हो चुके हैं। इसमें ज्यादातर डॉक्टरों को डेंगू हुआ है।  फिलहाल 7 रेजिडेंट डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं है।  
-मेडिसिन विभाग में भी जेआर1 के बहुत से डॉक्टर डेंगू पॉजिटिव हो चुके हैं। 
-एनेस्थीशिया विभाग के भी कई डॉक्टर बीमारी के कारण छुट्टी पर हैं।
 
कैल्शियम और मल्टीविटामिन की दवाइयां भी नहीं
डॉक्टर के बीमार पड़ने का असर मरीजों पर भी पड़ रहा है। मैनपॉवर कम होने के कारण मरीजों की जांच में समय अधिक लग रहा है। इसके साथ ही ड्यूटी पर काम कर रहे डॉक्टरों पर भी भार बढ़ गया है। साथ ही अस्पताल में इलाज के लिए लगने वाली कई जरूरी चीजें भी उपलब्ध नहीं है। इसमें नीडिल, फॉली कैथेटर, कैल्शियम और मल्टीविटामिन की दवाइयां तक उपलब्ध नहीं हो पा रही है। मरीजों को बाहर से लाने को कहा जा रहा है। मरीज इस विषय पर कई बार वार्ड में ड्यूटी पर रेजिडेंट डॉक्टरों से भी बहस करने लगते हैं।
 

Created On :   5 Aug 2021 2:57 PM IST

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