जमानत के बावजूद डेढ़ साल से नहीं हो सकी रिहाई, जानिए क्या है वजह

Despite bail, could not be released for one and a half year, know what is the reason
जमानत के बावजूद डेढ़ साल से नहीं हो सकी रिहाई, जानिए क्या है वजह
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी  जमानत के बावजूद डेढ़ साल से नहीं हो सकी रिहाई, जानिए क्या है वजह

डिजिटल डेस्क, मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने एक विचाराधीन कैदी को सितंबर 2020 में जमानत मिलने के बावजूद सिर्फ इसलिए जेल से न रिहा किए जाने पर नाराजगी जाहिर की क्योंकि कैदी का कोई रक्त संबंधी नहीं था जो अपने निवास स्थान का ब्यौरा दे सके। हाईकोर्ट ने अब आरोपी को दो जमानतदार देने के आधार पर जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति ने रेवती मोहिते ढेरे ने आरोपी सुरज हिवकर की ओर से दायर आवदेन पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया।  सत्र न्यायालय ने आरोपी को सितंबर 2020 में जमानत दी थी।

जमानत की शर्तों के तहत कोर्ट ने आरोपी को अपने दो रक्त संबंधियों के निवास स्थान व कार्यस्थल के पते के साथ जानकारी देने को कहा था। हालांकि आरोपी ने कोर्ट में कहा था कि उसका कोई रक्त संबंधी नहीं है। जब मैं छोटा था उस समय ही मेरे पिता का निधन हो गया था। किंतु कोर्ट ने आरोपी की इस बात को अस्वीकार कर दिया था। इसलिए आरोपी ने कोर्ट में जमानत की शर्त में बदलाव करने की मांग को लेकर आवेदन किया था।  न्यायमूर्ति के सामने आरोपी के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल ऐसे दो लोगों को जानते है जो दस सालों से उसके परिचित हैं और वे उसके जमानतदार बनने को राजी हैं। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जमानत मिलने के बाद भी आरोपी को जेल में रहना पड़ा। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश  को आरोपी की परेशानी के बारे में विचार कर उचित निर्णय लेना चाहिए था। यह बात कहते हुए न्यायमूर्ति ने आरोपी को दो जमानतदार देने पर जेल से  रिहा करने का निर्देश दिया। 
 

Created On :   3 Feb 2022 7:19 PM IST

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