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वनीकरण अभियान में लक्ष्यपूर्ति के बावजूद रखरखाव में फिसड्डी निकला विभाग

डिजिटल डेस्क,अमरावती। 1 अप्रैल 2021 से लेकर अब तक अमरावती जिले में सामाजिक वनीकरण अभियान के तहत 56 लाख नए पौधे लगाए गए हैं। वर्ष 2018 से वनविभाग द्वारा चलाई जा रही वनीकरण की मुहिम के चलते जिले में वन्यक्षेत्र करीब 3 हजार हेक्टेअर क्षेत्र बढ़ा है। किंतु वनविभाग नियोजन के अभाव में लगाए गए पौधों की सुरक्षा करने में विफल दिखाई दे रहा है। जिस कारण वनीकरण अभियान का उद्देश्य सार्थक नहीं हो पा रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में संपूर्ण जिले में कुल 53 लाख नए पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया था। जबकि अमरावती वनविभाग ने इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 56 लाख नए पौधे अधिकारीक रूप से लगाए हंै।
वनविभाग द्वारा वन्य क्षेत्रों से सटे बफर जोन में आरक्षित जमीनों पर संरक्षित किए गए प्राणियों को बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने तथा वन्य क्षेत्रों को बढ़ाने के उद्देश्य से यह नए पौधे लगाए जाते हंै। किंतु नए पौधोंं को जीवित रखने के मामले में वनविभाग का प्रदर्शन निराशा जनक दिखाई दे रहा है। वनविभाग के मुताबिक जो 56 लाख पौधे अब तक लगाए गए हंै। उनमें से केवल 33 हजार पौधों को ही जीवित रखा जा सका है। यह आंकडे 1 अप्रैल से लेकर 31 जनवरी के दौरान के है। जबकि वनविभाग के अनुसार ही करीब 16 लाख पौधे नष्ट हो चुके है। वहीं कुल 10 लाख पौधें नवंबर, दिसंबर और जनवरी के दौरान लगाए गए हंै। इसीलिए इन पौधों को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
सामाजिक वनीकरण अभियान के तहत इस वर्ष अमरावती जिले के पाेहरा, सेमाडोह, अमरावती, मालखेड, धारणी व चिखलदरा जैसे स्थानों से कुल 13 हजार 608 पेडों की कटाई की गई है। जिसकी तुलना में इस स्थानों पर करीब 43 लाख नए पौधे लगाए जाने का दावा वनविभाग की ओर से किया जा रहा है। नए पौधों को लगाए जाने पर वनविभाग की ओर से 4 करोड 76 लाख 38 हजार रुपए खर्च किए जाने की जानकारी है। यह राशि राज्य सरकार द्वारा वार्षिक वन्य सुरक्षा अभियान के तहत उपलब्ध कराई गई थी। इसके अलावा अन्य योजनाओं के तहत भी कई स्थानों पर वनीकरण की प्रक्रिया चलाई गई है।
Created On :   15 Feb 2022 5:35 PM IST