दो संस्थाओं के टकराव से विकास कार्य बाधित

Development work hampered due to clash of two institutions
दो संस्थाओं के टकराव से विकास कार्य बाधित
न्यायालय में एक-दूसरे के विरूद्ध ही लड़ा जा रहा केस दो संस्थाओं के टकराव से विकास कार्य बाधित

डिजिटल डेस्क, अमरावती। शहर के विकासकार्यों की प्रमुख जिम्मेदारी मनपा, मजीप्रा, लोनिवि जैसे विभागों के कंधों पर है। किंतु इन्हीं विभागों के बीच समन्वय का अभाव या फिर अधिकारों की हनन को लेकर एक-दूसरे के विरूद्ध याचिकाएं दायर की गई हैं। जिसके कारण मनपा क्षेत्र मंे होने वाले कई महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो रहे हैं तथा कुछ की तो प्रगति भी रुकी हुई है। जिसका नुकसान स्थानीय नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।  सड़क निर्माण से जुड़े 13 मामले न्यायालय में चल रहे हंै। यह सभी मामले कांक्रीटीकरण व पेड़ों की कटाई से जुड़े हैं।

मजीप्रा की ओर से इनमें से 4 मामले दर्ज कराए गए हैं। जिनमें पाइप लाइन को नुकसान पहंुचाने का हर्जाना न दिया जाना सबसे प्रमुख कारण है। इनमें से एक सड़क का काम मजीप्रा की अोर से दर्ज कराए मुकदमे के कारण रुका हुआ है। जबकि विद्युत विभाग की ओर से सबसे अधिक 9 मुकदमे लोनिवि के खिलाफ दायर किए गए हैं।  विद्युत विभाग, लोनिवि द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र न देने का सबसे अधिक खामियाजा मजीप्रा को उठाना पड़ा है। जिसके कारण मनपा क्षेत्र में भूमिगत गटर योजना का काम बाधित हो रहा है। एक विभाग से दूसरे विभाग के बीच समन्वय न होेने के कारण इन कार्यों मे लगने वाली लागत में वृद्धि भी होने लगी है। 

23 करोड़ से 28 करोड़ हुई लागत : राजापेठ से बडनेरा पुलिस चौकी तक कांक्रीट सड़क का निर्माणकार्य वर्ष 2018 मे शुरू हुआ था। जिसके लिए 23 करोड़ खर्च की व्यवस्था की गई थी। किंतु सड़क निर्माण की प्रक्रिया दो वर्ष देरी से चलने के कारण इसकी लागत अब 28 करोड़ हो गई है। 

गटर योजना का भी यही हाल : अमरावती शहर में भूमिगत गटर लाइन उपलब्ध कराने का कार्य मजीप्रा की ओर से 2018 में शुरू किया गया था। जिसे 2020 में ही पूरा किया जाना था लेकिन बीएसएनएल, लोनिवि जैसे विभागों द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र न देने के कारण इसकी लागत भी 15 प्रतिशत बढ़ने की बात मजीप्रा की ओर से कही जा रही है। 


 

Created On :   14 Feb 2022 2:08 PM IST

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