स्टील उद्योजक पर डीजीजीआई का छापा, 1.81 करोड़ का जीएसटी वसूला

DGGI raids on steel industry, GST of 1.81 crore collected
स्टील उद्योजक पर डीजीजीआई का छापा, 1.81 करोड़ का जीएसटी वसूला
स्टील उद्योजक पर डीजीजीआई का छापा, 1.81 करोड़ का जीएसटी वसूला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन में छूट मिलते ही अब सरकारी विभाग हरकत में आ गए हैं। शुक्रवार को डायरेक्टरेट जनरल आॅफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की नागपुर जोनल यूनिट ने शहर में कार्रवाई की है। यूनिट ने बिना माल लिए फर्जी व्यवहार और अनुचित तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करने की सूचना के आधार पर प्रमुख आयरन स्टील उद्योजक और इसके आपूर्तिकर्ता के ठिकानों पर छापे मारे। बताया जा रहा है कि छापामार कार्रवाई में 11.09 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट की चोरी के अलावा 55 करोड़ रुपए के फर्जी व्यवहार का खुलासा हुआ है। उद्योजक के ठिकानों पर से मोबाइल और कम्प्यूटर डाटा सहित कुछ अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसके अलावा उद्योजक से 1.81 करोड़ रुपए का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वसूल किया है। यूनिट ने इस मामले में फर्जी रसीद जारी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

फर्जी रसीद जारी करने वाले संचालक गिरफ्तार
जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ अभियान : पिछले कुछ दिन से डीजीजीआई, नागपुर जोनल यूनिट की ओर से फर्जी रसीद बनाकर जीएसटी की चोरी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। लॉकडाउन के चलते यह अभियान कुछ थम गया था। अनलॉक होते ही यूनिट के अधिकारी फिर से सक्रिय हो गए हैं। इस दौरान आयरन स्टील उद्योजक के फैक्टरी परिसर और उसके कुछ आपूर्तिकतार्ओं पर छापे मारे गए। टीम को सूचना मिली थी कि यह उद्योजक विविध प्रतिष्ठानों से बेहिसाब कबाड़ ले रहा था। इस व्यवहार को छिपाने के लिए वह फर्जी रसीद का सहारा लेकर अनुचित तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहा था। 

चौंकाने वाले खुलासे
सूत्रों से पता चला है कि ट्रांसपोर्ट से जुड़े दस्तावेजों जैसे लॉरी रसीद, जीआर नोट, भुगतान रसीद, वाहन पोर्टल से वाहनों की जानकारी आदि एकत्रित करने पर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश वाहन परिवहन के लिए इस्तेमाल हो रहे हैवी गुड्स ह्वीकल के बजाय पैसेंजर कारें थीं। लोडिंग/अनलोडिंग चार्ज, ट्रांसपोर्टर को हुए भुगतान के दस्तावेज, टोल भुगतान आदि को खंगालकर बड़े पैमाने पर कागजों पर हुए फर्जी व्यवहार का पता लगाया गया है। उद्योजक से अब तक 1.81 करोड़ रुपए का जीएसटी वसूल किया गया है। फर्जी रसीद जारी करने वाले मुख्य आपूर्तिकर्ता फर्म के संचालक को गिरफ्तार किया गया है। आनेवाले समय में जांच में और भी लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है। 
 

Created On :   12 Jun 2021 3:37 PM IST

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