सेटेलाइट से लोकेशन लेकर दुश्मन पर लगेगा निशाना, भव्य समारोह के बीच सेना को सौंपी गई धनुष तोप

Dhanush handed to the army between the grand ceremony at the Gun Carriage Factory
सेटेलाइट से लोकेशन लेकर दुश्मन पर लगेगा निशाना, भव्य समारोह के बीच सेना को सौंपी गई धनुष तोप
सेटेलाइट से लोकेशन लेकर दुश्मन पर लगेगा निशाना, भव्य समारोह के बीच सेना को सौंपी गई धनुष तोप

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। अब सेटेलाइट से लोकेशन लेकर सेना के जवान धनुष तोप से दुश्मनों पर निशाना साधेंगे। गन कैरिज फैक्ट्री में तैयार 155 एमएम 45 कैलिबर धनुष तोप सोमवार के भव्य समारोह के दौरान सेना के सुपुर्द की गई।

रक्षा मंत्रालय में सचिव रक्षा उत्पादन डॉ अजय कुमार की मौजूदगी में आयुध निर्माणी बोर्ड के चेयरमैन और डायरेक्टर जनरल सौरभ कुमार ने आर्टिलरी डिवीजन के महानिदेशक पीके श्रीवास्तव को तोप से संबंधित दस्तावेज दिए।

इस संबंध में उपमहानिदेशक एवं पीआर आयुध निर्माणी बोर्ड के गगन चौबे ने बताया कि एक साथ 6 तोपों को सेना के सुपुर्द किया गया है। मुख्य अतिथि सचिव रक्षा उत्पादन डॉ अजय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर तोप को जीसीएफ से रवाना किया। अब यह तोप सेंट्रल आयुध डिपो में रखी जाएगी। यहां से सेना की जरूरत के हिसाब से इन्हें रवाना किया जाएगा। गन कैरिज फैक्ट्री में यह प्रोजेक्ट करीब एक दशक से चल रहा था। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 114 धनुष तोप के बल्क प्रोडक्शन क्लीयरेंस के आदेश गन कैरिज फैक्ट्री को दिए थे।

यह है स्वदेशी धनुष तोप की विशेषता
धनुष में नवीनतम विशेषता यह है कि इसमें इनर्शियल, नेविगेशन सिस्टम, ऑन बोर्ड बैलिस्टिक, कम्प्यूटर डायरेक्ट डे एवं नाइट फायरिंग सिस्टम, मार्डन टारगेट एक्विजिशन सिस्टम तथा कम्प्यूनिकेशन सिस्टम है, जो इस तोप के सेना के प्रोजेक्ट शक्ति के अनुरूप बनाता है। इसके साथ ही 13 टन से कम वजन, 400 एमएम के हाई ग्राउंड क्लीयरेंस, -3 डिग्री से 70 डिग्री तक एलिवेशन की रेंज और 60 डिग्री का वृत्ताचाप, इस तरह धनुष तोप एक अत्यंत कार्यसाधक आर्टिलरी सिस्टम है, जिससे किसी भी इलाके में तैनात किया जा सकता है। अलग जगहों पर हुए परीक्षणों में सेना के मापदंडों पर धनुष तो खरी उतरी हैं।

ऐतिहासिक दिन रहा
सोमवार का दिन गन कैरिज फैक्ट्री के लिए काफी ऐतिहासिक रहा। कर्मचारियों ने दिन रात की मेहनत के उपरांत इस प्रोजेक्ट को धरातल पर आया है। इस दौरान कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। अधिकारियों ने उनकी मेहनत को सराहा और यह भी कहा कि आने वाले दिनों में उनके सामने इस तोप के उत्पादन की चुनौती रहेगी।

Created On :   8 April 2019 12:59 PM GMT

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