कामगारों को 3 हजार प्लस महंगाई भत्ते के साथ पेंशन देने की मांग पर नहीं किया गौर

Did not pay attention to the demand of giving pension to workers with 3 thousand plus dearness allowance
कामगारों को 3 हजार प्लस महंगाई भत्ते के साथ पेंशन देने की मांग पर नहीं किया गौर
कामगारों को 3 हजार प्लस महंगाई भत्ते के साथ पेंशन देने की मांग पर नहीं किया गौर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  निजी क्षेत्रों में कार्यरत कामगारों को 3 हजार प्लस महंगाई भत्ते के साथ पेंशन देने की सिफारिश भगतसिंह कोश्यारी कमेटी ने 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार से की थी। यूपीए सरकार ने 1 हजार रुपए मासिक पेंशन देने का निर्णय लिया था, जिसका भाजपा ने पुरजोर विरोध किया था। विपक्ष में रहते हुए कामगारों की आवाज बुलंद करने वाली भाजपा 2014 से केंद्र में सत्ता में है, लेकिन कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों पर अभी तक विचार नहीं किया। केंद्र सरकार से नाराज पेंशनरों के संगठन ने 21 फरवरी को नागपुर में केंद्रीय कार्यकारिणी की सभा बुलाई है। 

सुधार की बात दरकिनार
निजी क्षेत्र के कामगारों को 3 हजार प्लस महंगाई भत्ता देने की मांग को लेकर भाजपा ने आवाज उठाई थी। इसके लिए पार्टी कार्यालय में निवृत्त कामगारों को बुलाकर मार्गदर्शन किया जाता था। भाजपा ने संसद में इस मांग को उठाने के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने सांसद भगतसिंह कोश्यारी की अगुवाई मेें कमेटी बनाई थी। कमेटी ने 3 हजार प्लस मंहगाई भत्ता देने की सिफारिश यूपीए सरकार से की थी। यूपीए सरकार ने न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए कर दी। भाजपा ने इस फैसले का विरोध किया था। 2014 से केंद्र में भाजपा की सत्ता है। निवृत्त कर्मचारी 1995 (राष्ट्रीय समन्वय समिति) कई बार सरकार को पेंशन 3 हजार प्लस महंगाई भत्ता व ईपीएस 1995 कानून में सुधार की मांग कर रहे हैं। 7 साल में इन मांगों पर कोई विचार नहीं हुआ। 

निर्णय 22 की बैठक में 
नागपुर में निवृत्त कर्मचारी 1995 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 21 फरवरी को होगी। देश भर से संगठन के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। कार्यकारिणी की बैठक में हुए निर्णय व प्रस्ताव का खुलासा 22 फरवरी को होनेवाली बैठक में होगा। 

एक हजार में घर चलाना मुश्किल 
मासिक एक हजार रुपए में बुजुर्ग दंपति का जीवन जिना मुश्किल है। कोरोनाकाल में युवाआें का रोजगार चला गया है। रोजगार जाने से संतान भी बुजुर्ग पिता को मदद करने की स्थिति में नहीं है। 

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस को भी बुलाया है बैठक में 
भाजपा जब विपक्ष में थी, तब कोश्यारी कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का दबाव बना रही थी। अब सत्ता में है, तो कोश्यारी रिपोर्ट पर अमल नहीं हो रहा। मासिक एक हजार में घर चलाना मुश्किल है। 3 हजार प्लस महंगाई भत्ता व ईपीएस 1995 कानून में दुरुस्ती होनी चाहिए। इसी मांग को लेकर भाजपा ने हमारा साथ दिया था। 22 फरवरी को कार्यसमिति की बैठक के निर्णयों व प्रस्तावों का खुलासा किया जाएगा। सांसद नवनीत राणा ने आने का भरोसा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी बुलाया है, लेकिन बैठक में आने का जवाब अभी तक नहीं मिला है।  -प्रकाश पाठक, राष्ट्रीय महासचिव निवृत्त कर्मचारी 1995 (राष्ट्रीय समन्वय समिति). 


 

Created On :   5 Feb 2021 1:43 PM IST

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