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शिवसेना छोड़ा तो नया दल बनाने के बारे में नहीं सोचा था

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जिस वक्त मैंने शिवसेना छोड़ी, उस समय नया राजनीतिक दल बनाने का मन में कोई विचार नहीं था। बाला साहेब के सामने नई पार्टी बनाना आसान नहीं था। यह बात महाराष्ट्र नवaनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने कही। राज एक मराठी न्यूज चैनल के टॉक शो में बोल रहे थे। इस दौरान उनकी पत्नी शर्मिला ठाकरे भी मौजूद थी। राज ने कहा कि वर्ष 2000 से 2002 के दौरान मैं राजनीति से दूर हो गया था। शिवसेना के किसी कार्यक्रम में नहीं जाता था। इन सबसे दूर होने की सोच ली थी। पर कुछ लोगों ने मुछ से कहा कि महाराष्ट्र को मत छोड़िए। इसके बाद महाराष्ट्र के हर जिले से मुझे जनसमर्थन मिलने लगा जिससे मुझे लगा कि लोगों को मुझ से कुछ अपेक्षा है। इस लिए पार्टी स्थापित की। लाउडस्पीकर विवाद पर राज ने कहा कि यह केवल महाराष्ट्र का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने अचानक यह विषय नहीं उठाया है। हम अपने कानों को क्यों त्रास दें। लाउडस्पीकर से सिर्फ हिंदु नहीं बल्कि मुस्लिम भी परेशान हैं। घर के छोटे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, पढ़ाई करने वाले छात्र सभी को लाउडस्पीकर से परेशानी होती है। गणेशोत्सव के वक्त जो लाउडस्पीकर लगाए जाते हैं, उससे भी परेशानी होती है। लेकिन इसे एक्शन का रिएक्शन कह सकते हैं।
आमिर-सलमान खान से मराठी में होती है बात
राज ठाकरे ने कहा कि लता मंगेशकर व आशा भोसले से हमारे परिवार के जो घनिष्ठ संबंध बने वह शर्मिला ठाकरे के पिता की वजह से बने। लता मंगेशकर से पहली मुलाकात शर्मिला के पिता के माध्यम से हुई थी। आशा भोसले, सचिन तेंदुलकर से बातचीत करते वक्त राजनीति कभी विषय नहीं रहता। उन्हें भी पता है कि मैं राजनीतिक लाभ के लिए कोई काम नहीं करता। राज ने कहा कि मराठी को लेकर मेरी भूमिका की वजह से गैर मराठी भाषियों को इसकी जानकारी हुई। आमिर खान,अमिताभ बच्चन मराठी में बोलने लगे। आमिर खान-सलमान खान जब कभी मिलते हैं तो मराठी में ही बात करते हैं।
ऐसे हुई थी राज-शर्मिला ठाकरे की पहली मुलाकात
इस दौरान शर्मिला ठाकरे ने बताया कि मैं परेल में अपनी एक सहेली के घर गई थी। वहीं पर राज ठाकरे के मित्र शिरीष पारकर ने राज से मेरी जान-पहचान कराई थी। तभी से राज मेरे पीछे थे। राज ठाकरे ने बताया कि शर्मिला के पिता, बाला साहेब तथा मेरे पिता जी के अच्छे मित्र थे। इस लिए हमारे विवाह में कोई समस्या नहीं आई। एक बार बाला साहेब अमेरिका गए थे तो वहां से सभी के लिए उपहार लाए थे। सबसे मंहगी चीज शर्मिला के पिता जी के लिए लाए थे। बाला साहेब दो कैमरे लाए थे। एक उद्धव और दूसरा शर्मिला ठाकरे के पिता जी के लिए। वह काफी मंहगा कैमरा था। तब मेरी और शर्मिला की जान पहचान नहीं थी। शर्मिला ने बताया कि राज ठाकरे की बहन मेरी सहेली थी। पिता जी जब पार्टियों में जाते तो मुझे भी साथ ले जाते। इस दौरान मेरी राज की बहन से मित्रता हुई थी।
Created On :   30 April 2022 6:34 PM IST