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बिंदास स्टाइल : लाइफ में ट्विस्ट होंगे तो जीने का अलग ही होगा मजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स अपनी लाइफ फ्रीडम के साथ जीना पसंद करते हैं। जब पढ़ाई के लिए दूसरे शहर जाते हैं तो खुद को काफी हद तक बदल लेते हैं। वे अपनी लाइफ के हर पल को एंजॉय करते हैं। बाहर से पढ़ने आए युवाओं से चर्चा के दौरान कई बातें सामने आईं, जिसमें उन्होंने अपनी लाइफ के जीने के फंडे बताए। उनकी बात सुनकर थोड़ा अाश्चर्य तो हुआ, लेकिन फिर पता चला कि इनकी बातों में सच्चाई है। जब तक लाइफ में कुछ फन, एंटरटेनमेंट न हो, तो जीने का मजा नहीं आता है।
सिम्पल लाइफ तो हर कोई जीता है, पर इस तरह की लाइफ जीने का अलग मजा है, जहां पार्टी में जाते समय हमेशा पिटने का डर होता है। युवाओं की दूसरों की पार्टी में बिना बुलाए पहुंच जाना, कटे-फटे कपड़े पहनना, अपने लुक को अलग रखना आदि पसंद आता है। वे इसी को कॉलेज लाइफ कहते हैं। कॉलेज के बाद जॉब में आने के बाद जवाबदारियों इतनी बढ़ जाती हैं कि लाइफ जैसे थम जाती है। तब हम अपने परिवार के लिए जीते हैं, इसलिए कॉलेज लाइफ में जितने चाहें
मस्ती कर लेनी चाहिए।
जब किसी फ्रेंड का बर्थ-डे हो तो
स्टूडेंट शैलेश दानी के मुताबिक सबसे ज्यादा मजा तब आता है, जब किसी फ्रेंड का बर्थ-डे होता है, तो उससे यही कहते हैं कि बर्थ-डे घर पर ही मनाना, ताकि मम्मी के हाथ का बना स्वादिष्ट व्यंजन खाने को मिले या फिर किसी अच्छे रेस्टॉरेंट में पार्टी देना। जिंदगी में यही सारे पल एंजॉय करने के लिए होते हैं, इसके पीछे हमारा उद्देश्य किसी को तंग करना नहीं होता है, बस लाइफ में किस तरह से फन आना चाहिए, हम तो यही सोचते हैं। जब मेरा बर्थ-डे रहता है, तो मैं भी पार्टी देता हूं, पर जो शहर के निवासी हैं, उनसे पार्टी लेना यानी मम्मी के हाथ का खाना खाने में मजा आता है।
लाइफ का मजा, एंजॉयमेंट के साथ
स्टूडेंट क्षितिज देव जब मैं घर में था, तो मम्मी ने मेरी महंगी वाली जींस फेंक दी थी। उनका कहना है कि बेटा फटे कपड़े मत पहनो। अब जब पढ़ाई के लिए बाहर आया हूं, तो कट वाली जींस ही पहनता हूं। साथ ही मैंने अपने बालों में ब्ल्यू कलर करवाया है। हमेशा अपना लुक अलग रखना चाहिए, तभी सभी का ध्यान हमारी ओर जाता है। लाइफ का मजा एंजॉयमेंट के साथ जीने में आता है। सिम्पल लाइफ तो हर कोई जीता है, अगर लाइफ में फन हो तो उसको जीने का मजा और भी बढ़ जाता है।
कई बार मार खाने से बचा
स्टूडेंट विराज सैनी मैं इंजीनियरिंग कर रहा हूं। पहले जब अपने सीनियर्स के मुंह से सुनता था कि वे किसी शादी या पार्टी में जाकर डिनर या लंच कर लेते हैं, तो बहुत अचंभा होता था। पर एक बार वे मुझे अपने साथ लेकर गए। मुझे बहुत डर लग रहा था। मैं भी हिम्मत करके उनके साथ गया, पहली बार किसी पार्टी में बिना बुलाए गए थे। पिटाई होने के भी पूरे चांसेस थे। पर सीनियर्स ने कहा कि खाना ही तो खा रहे हैं, अगर पिटाई भी हो गई, तो हमें कौन यहां जानता है। जब एक बार गया तो हिम्मत बढ़ गई। अब मैं फोर्थ सेमेस्टर में हूं और अपने जूनियर्स को भी यही सिखाया है।
Created On :   30 Sept 2018 5:39 PM IST