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MP: दंग रहे जाएंगे इस लड़की के जुनून को देखकर, पैरों से लिखकर दे रही परीक्षा
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। यूं तो हर एक इंसान कुछ बड़ा करने का सपना देखता है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए दृढ़ निश्चय और जुनून की जरूरत होती है। मन में जुनून और जज्बा हो तो कोई भी समस्या आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। इसी की जीती जागती मिसाल बन गई हैं मध्यप्रदेश की बेटी ममता पटेल। ममता को पढ़ाई का ऐसा जुनून था कि उसने दोनों हाथ न होने के बावजूद भी हार नहीं मानी और पैरों से लिखना शुरु कर दिया है। ममता की ये मेहनत रंग लाई। धीरे-धीरे अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए ममता ने कॉलेज में दाखिला ले लिया है। ममता ने अपनी सारी परीक्षा पैरों से लिखकर दी है।
MP: Mamata Patel, a 19-year old differently-abled student wrote her university exam with her feet in Chhatarpur. She says, "My father taught me to write with my feet. In school, children use to bully me for writing this way, but now that I"ve reached college, I feel great."(13.4) pic.twitter.com/sf6MGTJlJI
— ANI (@ANI) April 13, 2019
मध्य प्रदेश के छतरपुर की रहने वाली 19 वर्षीय ममता पटेल के जन्म से ही एक हाथ नहीं है और एक हाथ अविकसित है जिसकी वजह से वह अपने हाथ से कोई भी काम नहीं कर सकतीं। ममता अपनी इस कमजोरी को ताकत बनाकर सपनों की उड़ान भर रही हैं। हार न मानते हुए पैर से परीक्षा के सवाल हल कर ममता शिक्षा के शिखर तक पहुंच रही है।
ममता का कहना है, मैं शिक्षित होना चाहती हूं। काम करना चाहती हूं ताकि पैसे कमाकर अपने पैरेंट्स की आर्थिक और मानसिक मदद कर सकूं। मैं अपनी दिव्यंगता के लिए भगवान को दोष नहीं देती क्योंकि कई ऐसे बच्चे हैं, जिनके दोनों हाथ नहीं है और वो पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। ममता अपने बाएं पैर से लिखती हैं। वहीं पढ़ाई के प्रति ममता का जुनून देखकर उनके कॉलेज के अन्य छात्र और टीचर्स भी अचंभित हैं। जानकारी के मुताबिक, ममता ने पिछले साल 12वीं की परीक्षा द्वितीय श्रेणी के साथ पास की है।
ममता पटेल छतरपुर के महाराजा कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रही हैं। इस समय वो कॉलेज की परीक्षा में हिस्सा ले रही हैं और विद्यार्थियों के साथ ही परीक्षा देती हैं। अंतर इतना है कि वो परीक्षा केंद्र में एक कोने में नीचे बैठकर अपने हाथों से नहीं पैर से उत्तर पुस्तिका में जवाब लिखती हैं। बुलंद हौसले रखने वाली ममता परीक्षा में शामिल होने के लिए 18 किलोमीटर दूर से आती हैं।
ममता का कहना है, मेरे पिता ने मुझे पैर से लिखना सिखाया है। स्कूल में बच्चे ऐसे लिखने पर मेरा मजाक बनाते थे, लेकिन अब मैं कॉलेज तक पहुंच गई हूं और मुझे बहुत अच्छा लगता है। ममता ने बताया, मुझे मेरी दिव्यंगता की वजह से दिक्कत होती है। रोज के काम में परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन लोगों के प्यार की वजह से मैं अपनी पढ़ाई कर रही हूं।
Created On :   14 April 2019 8:33 AM GMT