नशे के कारोबारी विदेशी नागरिकों को वापस भेजना टेढ़ीखीर, 150 में से केवल दो भेजे जा सके

Difficult to send back foreign nationals of intoxicants, only two can be sent in 150
नशे के कारोबारी विदेशी नागरिकों को वापस भेजना टेढ़ीखीर, 150 में से केवल दो भेजे जा सके
नशे के कारोबारी विदेशी नागरिकों को वापस भेजना टेढ़ीखीर, 150 में से केवल दो भेजे जा सके

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में नशे के कारोबार में लिप्त विदेशियों को पकड़ने के बावजूद उन्हें वापस उनके देश भेजने में बड़ी परेशानी हो रही है। पिछले पांच सालों में एंटी नार्कोटिक्स सेल 110 मामलों में 150 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। लेकिन सिर्फ दो को ही वापस उनके देश भेजा जा सका। दरअसल आरोपी कानून में कमियों का फायदा उठाते हैं जिसके चलते पुलिस की मुश्किलें और बढ़ जाती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार नियमों के मुताबिक आरोपियों को उनके देश वापस तभी भेजा जाता है जब उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो और उस पर फैसला हो चुका हो। इसी का फायदा उठाकर नशे के कारोबार में लिप्त आरोपी अक्सर मारपीट, मोबाइल चोरी जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं। इससे उनके खिलाफ एफआईआर तो दर्ज हो जाती है लेकिन जल्द ही जमानत भी मिल जाती है और मामले सालों अदालतों में लंबित रहते हैं।

जेल से बाहर आने के बाद आरोपी धड़ल्ले से नशे के कारोबार में शामिल हो जाते हैं। मुंबई, नई मुंबई और ठाणे में करीब 10 हजार अफ्रीकी मूल के नागरिक रहते हैं। ये लोग पढ़ाई, कारोबार और पर्यटन के नाम पर वीजा लेकर भारत आते हैं लेकिन कई लोग जल्द पैसे कमाने की चाहत में साइबर ठगी और नशे के कारोबार में शामिल हो जाते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपराधों में लिप्त आरोपी पकड़े जाने से बचने के लिए अपना पता बदल लेते हैं। वे अपने कागजात नष्ट कर किसी और इलाके में रहने चले जाते हैं। 

पुलिस पर भी कर देतें हैं हमला

कार्रवाई के दौरान अफ्रीकी मूल के आरोपी पुलिस पर हमला करने से भी नहीं हिचकते। मजबूत कद काठी के चलते एक आरोपी को काबू करने के लिए चार से पांच पुलिसवालों की जरूरत पड़ती है। इस लिए पुलिसवाले तब तक इन लोगों पर कार्रवाई से बचते हैं जब तक पूरी तैयारी न हो। इसके अलावा अफ्रीकी देशों से संबंधों की अहमियत को देखते हुए पुलिस गोली चलाने से परहेज करती है। दिल्ली में विदेशी मूल के आरोपियों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर बनाया गया है लेकिन मुंबई में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है इससे भी पुलिस की परेशानी बढ़ती है। आरोपी छोटी-छोटी मात्रा में नशे की खेप रखते हैं और तय ग्राहकों को ही देते हैं। पुलिस को देखते ही आरोपी नशे की पुड़िया फेंक देते हैं इसलिए भी पुलिस को नशा विरोधी कानून एनडीपीएस के तहत कार्रवाई में परेशानी होती है। 

शिवदीप लांडे, पुलिस उपायुक्त, एंटी नार्कोटिक्स सेल के मुताबिक नशे के कारोबार में लिप्त विदेशी नागरिक पुलिस से बचने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाते हैं वे पुलिसवालों पर हमला करने से भी नहीं हिचकते लेकिन एंटी नार्कोटिक्स सेल आरोपियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है 
                     
एंटी नार्कोटिक्स सेल द्वारा पकड़े गए विदेशी आरोपी

साल                 दर्ज मामले         गिरफ्तार विदेशी नागरिक 

2014                 40                       44        
2015                 31                       38
2016                 17                       23
2017                 14                       29
2018 (सितंबर)      8                       16
 

Created On :   2 Oct 2018 6:54 PM IST

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