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जीपीएफ की निधि निकालने में मुश्किलें, जरूरत के समय काम नहीं आ रहा पैसा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में क्लास फोर के कर्मचारियों को कई तरह की परेशानी होती है। क्लास फोर के कर्मचारी कई बार अधिकारियों को भी इसकी सूचना देते हैं, लेकिन कई बार परेशानियों का हल नहीं हो पाता है। इसमें विशेष कर मेयो अस्पताल के दो कर्मचारियों को जीपीएफ का पैसा नहीं मिल पा रहा था। इन कर्मचारियों में एक को इलाज के लिए और दूसरे को बेटी की शादी के लिए पैसे की जरूरत थी। दोनों आवेदन लंबे समय से लंबित थे। हालांकि अब इन आवेदनों पर आवेदनकर्ता की ओर से कुछ प्रक्रिया और कर उसे पूरा करने की बात डीन ने कही है।
अपनी बेटी की शादी के लिए किया अावेदन
मेयो अस्पताल में कार्य करने वाले भास्कर नामदेव फडणवीस (52) एक्सरे विभाग में कार्यरत है। भास्कर दृष्टिहीन है और हुड़केश्वर में रहते हैं। उनकी बेटी की शादी 16 फरवरी को है। शादी के लिए सुनील के पास पैसे नहीं थे। इसलिए उन्होंने अपने जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) की जमा पूंजी से सहायता लेने के लिए आवेदन किया। यह आवेदन उन्होंने पहले 6 जनवरी को 2.5 लाख रुपए जीपीएफ से देने के लिए किया था। उस आवेदन पर सुनवाई नहीं होने के कारण दूसरी बार 22 जनवरी को आवेदन किया। इस तरह एक आवेदन में नॉन रिफंडेबल और दूसरे आवेदन में रिफंडेबल के लिए आवेदन किया था। अब तक निधि उन्हें मिल नहीं पाई है।
गार्ड ने पत्नी के इलाज के लिए मांगी थी राशि
सुनील महादेव नाने (52) मेयो अस्पताल में गार्ड की ड्यूटी करते हैं। उनकी पत्नी का ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कराना था। इसके लिए सुनील ने 8 माह पहले जीपीएफ की निधि से इलाज कराने के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद अब तक सुनील को निधि नहीं मिली है। सुनील ने अपनी पत्नी का इलाज दूसरे लोगों से पैसे उधार लेकर कराया। अन्य कर्मचारियों ने बताया कि वर्तमान में वह कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। वह दो माह से बीमार हैं। स्थिति इतनी खराब है कि घर वाले ऑटो में लेकर आते हैं। मेयो अस्पताल में ही इलाज कराने के लिए पैसे नहीं और दवाई लेने के पैसे नहीं है। इसलिए दूसरे लोगों से मांग कर जैसे-तैसे इलाज करा रहे हैं।
जल्द होगी आगे की प्रक्रिया
भास्कर फडणवीस ने आवेदन में अपनी बेटी की शादी के लिए निधि का अावेदन किया है, तो उसमें उन्हें रिफंडेबल चाहिए या नॉन रिफंडेबल चाहिए इसकी जानकारी लेना है उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है इसलिए निधि नहीं दे पाए। अब उन्हें बुलाकर स्पष्ट कर आगे की प्रक्रिया करेंगे। दूसरा सुनील नाने से हमने पत्नी के इलाज के कागजात मांगे थे। जिसके आधार पर हम उन्हें निधि दे पाएं। वह आते ही आगे की प्रक्रिया होगी। -डॉ. अजय केवलिया, डीन, इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल
Created On :   3 Feb 2021 3:22 PM IST