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विधायक अडसड़ के पुत्र-पुत्री की मुश्किलें बढ़ सकती है, अग्रिम जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सूतगिरणी के विवाद में फंसे महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य अरुण अडसड और उनके पुत्र-पुत्री की मुश्किल एक बार फिर बढ़ सकती हैं। अरुण अडसड, बेटे प्रताप और बेटी अर्चना रोटे के खिलाफ धामनगांव रेलवे पुलिस थाने में मामला दर्ज है। मामले में अमरावती सत्र न्यायालय ने तीनों को अग्रिम जमानत दी है। ऐसे में फरियादी गोपाल अग्रवाल ने हाईकोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत को चुनौती दी है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी धामनगांव रेलवे पुलिस को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
ये है मामला
उल्लेखनीय है कि धामनगांव रेलवे में गजानन सूतगिरणी है। विधायक अडसड़ इसके संचालक, बेटा अध्यक्ष और बेटी मुख्य कार्यकारी अधिकारी है। उनका बेटा प्रताप धामनगांव रेलवे नगर परिषद अध्यक्ष है। नवंबर 2017 में उन्होंने औरंगाबाद के मेसर्स आर.एस.फायबर कंपनी संचालक गोपाल अग्रवाल से सूतगिरणी किराए पर देने का करार किया था। जिसमें एक लाख रुपए महीना किराया तय हुआ था। दावा है कि, इस मौखिक करार के अनुसार अग्रवाल ने सूतगिरणी के आधुनिक करण और अन्य पहलुओं पर करीब 1 करोड़ रुपए का निवेश किया।
अड़सड़ के मुकरने से बगड़ी बात
बताया जाता है कि करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए का माल भी तैयार किया। अग्रवाल द्वारा अडसड़ से लिखित करार करने का अनुरोध करने पर वे मुकर गए। अंतत: तंग आकर अग्रवाल ने धामनगांव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने पहुंचे। लेकिन पुलिस के मना करने पर उन्होंने जेएमएफसी न्यायालय की शरण ली। जहां जेएमफएसी न्यायालय ने पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए। ऐसे में अडसड़, उनके पुत्र और पुत्री के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने अमरावती सत्र न्यायालय की शरण ली थी। जहां से मिली अग्रिम जमानत का हाईकोर्ट में फरियादी ने विरोध किया है। मामले में अग्रवाल की ओर से एड.राहिल मिर्जा और एड.आर.जी.मुंदडा ने पक्ष रखा। एड.विनोद ठाकरे ने सरकार की ओर से पैरवी की।
Created On :   24 Oct 2018 2:09 PM IST