डिजिटल लॉकर है तो फिर नो टेंशन, अब नहीं जमा करने होंगे प्रमाण-पत्र

Digital locker important for students to any recruitment and admission
डिजिटल लॉकर है तो फिर नो टेंशन, अब नहीं जमा करने होंगे प्रमाण-पत्र
डिजिटल लॉकर है तो फिर नो टेंशन, अब नहीं जमा करने होंगे प्रमाण-पत्र

डिजिटल डेस्क, भोपाल। यदि आपके पास डिजिटल लॉकर है और उसमें आपके शैक्षणिक प्रमाण-पत्र, पैन कार्ड, ड्राईविंग लायसेंस, पासपोर्ट, आय प्रमाण-पत्र आदि जमा हैं तो आपको कहीं भी किसी जगह नौकरी या शैक्षणिक संस्था में प्रवेश के लिए उक्त प्रमाण-पत्र अलग से आनलाईन या भौतिक रुप से जमा करने की जरुरत नहीं होगी। आपको बस डिजिटल लॉकर नंबर एवं उसकी यूआरआई अर्थात यूनिफार्म रिसोर्स इन्डीकेटर और उससे प्रमाण-पत्र एक्सेस करने की अनुमति संबंधित संस्थान को देनी होगी। इसके लिये सरकारी विभागों, कार्यालयों एवं अन्य संस्थाओं को भी डिजिटल लॉकर प्लेटफार्म में अपना पंजीयन कराना होगा। इस साल राज्य सरकार ने नागरिकों के 90 लाख डिजिटल लॉकर खोलने का लक्ष्य रखा है, परन्तु अभी तक सिर्फ 90 हजार डिजिटल लॉकर खोले जा सके हैं।

इसी बात से चिन्तित होकर राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत एमपी एजेन्सी फार प्रमोशन आफ इन्फरमेशन टेक्नालाजी यानि मेप-आईटी ने सभी सरकारी विभागों, निगम-मंडलों, विश्वविद्यालयों और स्वशासी संस्थाओं  को कहा है कि भारत सरकार ने अपने महत्वपूर्ण प्रमाण-पत्र इलेक्ट्रानिक रुप में सुरक्षित रखने तथा कहीं से भी इन्हें एक्सेस करने के लिये डिजिटल लॉकर पोर्टल बनाया हुआ है। यही नहीं, विभिन्न विभाग अपने द्वारा जारी किये जाने वाले प्रमाण-पत्रों को सीधे संबंधित नागरिक के डिजिटल लॉकर में भी पहुंचा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें संबंधित आवेदक की अनुमति लेना होगी।

मैप-आईटी ने यह भी बताया है कि मप्र में एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट डिजिटल लॉकर के साथ इन्टीग्रेड किया जा चुका है तथा लगभग 2 करोड़ 34 लाख डाक्युमेन्ट्स डिजिटल लॉकर में जारी किये जा चुके हैं। इसी प्रकार, मैप-आईटी द्वारा आयोजित कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा यानि सीपीसीटी के लगभग  60 हजार डाक्युमेंट्स डिजिटल लॉकर पर उपलब्ध कराये जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा मप्र में इस वर्ष 30 लाख डिजिटल लॉकर एकाउंट खोलने का लक्ष्य दिया गया है और वर्तमान में मात्र 90 हजार एकाउंट ही प्रारंभ किये जा सकें हैं।

मैप-आईटी ने समस्त विभागों/शासकीय एजेन्सियों, संगठनों/कार्यालयों से कहा है कि वे इस संबंध में अपने अधीनस्थ संस्थाओं/निगम/मंडलों आदि को डिजिटल लॉकर के अंतर्गत स्वत: अकाउन्ट पंजीयन के लिए निर्देशित करें तथा विभागीय एप्लीकेशन को डिजिटल लॉकर से इंटीग्रेड करने के लिए संबंधित को निर्देशित करें।

मैप-आईटी भोपाल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी चन्द्रशेखर ने मामले में कहा है कि ‘‘डिजिटल एकाउंट की सुविधा बड़ी सुविधाजनक है। इसमें नागरिक न केवल अपने महत्वपूर्ण प्रमाण-पत्र रख सकते हैं बल्कि कहीं से भी इसे एक्सेस कर सकते हैं और कहीं आवेदन करने पर सिर्फ डिजिटल एकाउंट नंबर देकर अपने प्रमाण-पत्र डिजिट एकाउंट से एक्सेस करने की अनुमति दे सकते हैं। प्रदेश में अभी काफी कम संख्या में डिजिटल एकाउंट खोले गए हैं, इसलिये मैप-आईटी जागरुकता फैला रहा है।’’

Created On :   24 April 2018 12:45 PM IST

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