- Home
- /
- नाग नदी का गंदा पानी गोसीखुर्द में...
नाग नदी का गंदा पानी गोसीखुर्द में मिल रहा, कोर्ट ने जताई नाराजगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाग नदी के प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्रित सू-मोटो जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। न्या.सुनील शुक्रे व न्या.अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने स्थानीय समाचार-पत्रों में छपी नाग नदी के प्रदूषित होने के समाचारों को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक लापरवाही पर नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने कहा कि शहर की नाग नदी आगे जा कर गोसीखुर्द बांध में मिलती है। नाग नदी का दूषित जल और कचरा भी गोसीखुर्द में समा रहा है। बांध के पानी की जांच में पाया गया कि पानी में ई-कोली और अन्य गंभीर विषाणु पैदा हो गए हैं। विदर्भ के सबसे बड़े जल स्रोत की ऐसी स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। खास कर इस कोरोना महामारी के दौर में जहां स्वच्छता और शुद्धपेय जल जरूरी हो गया है, नाग नदी की ऐसी स्थिति देखी नहीं जा सकती। शाश्वत विकास के लिए नाग नदी को नया जीवन देना जरूरी है। जलप्रदूषण को रोकने के लिए नाग नदी को साफ किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि नाग नदी को सिर्फ साफ करना ही काफी नहीं है, बल्कि इसे नवजीवन भी प्रदान करना होगा। इसके लिए मनपा अपना विकास प्रारूप कोर्ट को बताए।
मनपा ने दी डीपीआर की जानकारी
इस पर मनपा के अधिवक्ता सुधीर पुराणिक ने कोर्ट को जानकारी दी कि मनपा ने नाग नदी की विकास प्रारूप रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। इसके अनुसार नदी को स्वच्छ करने और नवजीवन प्रदान करने के लिए कुल 4 प्रमुख कदम उठाए जाएंगे। पहला तो नदी का कचरा साफ करके उसे और गहरा किया जाएगा। इसके अलावा नदी के किनारों पर पौधारोपण का कार्य होगा। साथ ही नदी के आस-पास का अतिक्रमण हटाकर बाढ़ और अन्य समस्याओं को हल किया जाएगा। इसके लिए करीब 2400 करोड़ रुपए का खर्च है। इस पर हाईकोर्ट ने मनपा से पूछा है कि क्या उनके पास इसके लिए पर्याप्त बजट है और किस-किस प्रकार से यह रकम जुटाई जाएगी। हाईकोर्ट ने मनपा को दो सप्ताह में संशोधित डीपीआर प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
कुछ ऐसा है पुनर्जीवन का प्रस्ताव
नदी प्रदूषण निर्मूलन प्रकल्प 2434 करोड़ का प्रोजेक्ट है। इसके लिए जापान की कंपनी से 85 प्रतिशत निधि कर्ज स्वरूप में मिलेगी। जापान की तकनीकी टीम ने निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दी है।
नाग नदी के साथ पीली और पोहरा नदी को भी नवसंजीवनी मिलेगी। प्रकल्प में केंद्र सरकार का 60 प्रतिशत, महानगरपालिका का 15 प्रतिशत और राज्य सरकार का 25 प्रतिशत का हिस्सा रहेगा।
नदी प्रदूषण निर्मूलन प्रकल्प के बाद फ्रांस की मदद नागनदी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रकल्प शुरू किया जाएगा। 1600 करोड़ का यह प्रकल्प फ्रांस सरकार की निधि से तैयार किया जाएगा।
Created On :   15 Jun 2021 1:05 PM IST