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दो दिव्यांग पायलट 40 देशों की उड़ान पर, हैंडी प्लेन से नागपुर पहुंचे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कला किसी की मोहताज नहीं होती , जज्बा हो तो इंसान आसमान भी छू सकता है यह बात एक बार फिर साबित की दो दिव्यांग पायलट ने। फ्रांस के फेरल और दक्षिण अफ्रीका के माइक लोम्बर्ग ने कहा कि उनके हौसले के सामने दिव्यांगता आड़े नहीं आई। हैंडी प्लेन से 80 हजार किलोमीटर की यात्रा पर निकले दोनों दिव्यांग पायलट विश्व के 40 देशों का दौरा करेंगे। लॉयन्स क्लब इंटरनेशनल के सहयोग से दौरे पर निकले दिव्यांग पायलट सिविल लाइंस स्थित प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू हुए।
दुर्घटना में गंवा दिए पैर, हाथों से उड़ रहे आसमान पर
फेरल ने बताया कि एक विमान दुर्घटना में उन्होंने पैर गंवा दिए, लेकिन हार नहीं मानी। हाथ से विमान को नियंत्रित करने का प्रशिक्षण लिया और प्राइवेट विमान चलाने का सिलसिला जारी रखा। दक्षिण अफ्रीका के माइक लोम्बर्ग ने भी अपनी कहानी बयां की। उन्होंने बताया- सड़क दुर्घटना में पैर बेकाम हो गए, फिर हाथ से प्लेन चलाने की कला सीखी। जिद के बल पर उड़ान भरते रहे।
युवाओं में हौसला भरना चाहते हैं
दोनों दिव्यांग पायलट ने दुनिया के युवाओं को यह संदेश दिया कि मन में ठान ली तो कोई कुछ भी कर सकता है। 40 देशों के दौरे पर निकले दिव्यांग पायलटों ने बताया कि वे स्कूलों, विविध सामाजिक संस्था और संगठनों से मिलकर युवाओं में हौसला भरना चाहते हैं। खासकर दिव्यांग और दिव्यांगों के लिए काम करने वाले संस्थान और संगठनों से दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं, ताकि सामान्य और दिव्यांगों में हौसले की उड़ान भरने ऊर्जा उत्पन्न हो सके। पत्र परिषद में लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील वोरा, डिप्टी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संदीप खंडेलवाल, को-ऑर्डिनेटर श्रवण कुमार, जोन चेयरमैन संजय पांडे, राहुल वर्मा, भारत बलगट, सरला साेमाणी, राजन गुप्ता, प्रशांत चौधरी, निशिकांत प्रतापे, बलबीर सिंह आदि उपस्थित थे। दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि हमारी कमजोरी ही विशेष क्षमता है
Created On :   19 Dec 2018 11:26 AM IST