परिवहन विभाग के संरक्षण में हो रही पशुओं की तस्करी, अवैध कमाई के लिए अवैध रास्ते

Disruption and illegal recovery in Transport Department of chhatarpur
परिवहन विभाग के संरक्षण में हो रही पशुओं की तस्करी, अवैध कमाई के लिए अवैध रास्ते
परिवहन विभाग के संरक्षण में हो रही पशुओं की तस्करी, अवैध कमाई के लिए अवैध रास्ते

डिजिटल डेस्क छतरपुर । परिवहन विभाग में गड़बड़ी और अवैध वसूली के चलते प्रदेश सरकार को इस विभाग के चैक पोस्ट को कम्प्यूटराइज कर दिया है। इसके चलते इस विभाग के रेवेन्यु में भले ही कमी आई हो लेकिन अधिकारियों की कमाई में कोई कमी नहीं हुई है, बल्कि विभाग के अधिकारियों की कमाई में इजाफा हुआ है। परिवहन विभाग के चैक पोस्ट में पदस्थ अधिकारियों ने अवैध कमाई के लिए गैर कानूनी तरीके भी अपना लिए है। इसके लिए उनके संरक्षण में प्राइवेट लोग कच्चे रास्तों से ओवर लोड वाहन निकाल रहे हैं। वह भी भारी कमीशन लेकर वाहनों की निकासी हो रही है। इन कच्चे रास्तों से जिन वाहनों की निकासी हो रही है उनमें बड़ी संख्या में ऐसे वाहन निकल रहे हैं जो जानवरों की अवैध तस्करी करते हैं। इसके बदले में 200 से लेकर 2000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। परिवहन विभाग के इस अवैध कारोबार से सिंचाई विभाग द्वारा बनवाई गई नहर और सडक़ की हालत जर्जर हो गई है।
कम्प्यूटराइज हुए चैक पोस्ट तो अवैध वसूली के नये तरीके अपनाए
परिवहन विभाग में अवैध वसूली को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने इस विभाग के चैक पोस्ट को कम्प्यूटराइज कर दिया है। इसके चलते अब चैक पोस्ट से ओवर लोड
वाहन और अवैध मालवाहक वाहनों की निकासी मुश्किल हो गई है। अगर ओवर लोड वाहन निकलते भी हैं तो इसकी कई गुना पेनाल्टी वाहन मालिक को देना होती है। कम्प्यूूटराइज होने से जितनी भी ओवर लोडिंग होती है वह रिकार्ड में दर्ज हो जाती है। ऐसे में परिवहन विभाग के इन चैक पोस्ट पर पदस्थ निरीक्षकों की अवैध कमाई खत्म हो गई है। लेकिन जिले में संचालित परिवहन विभाग के कैमाहा और बड़ागांव चैक पोस्ट पर पदस्थ निरीक्षकों की कमाई घटने के बजाय बढ़ गई है। इसके लिए यहां पदस्थ निरीक्षक और स्टाफ द्वारा जो तरीका अपनाया जा रहा है वह गैर कानूनी है।
चैक पोस्ट के बगल से तैयार किए अवैध रास्ते
कैमाहा और बड़ागांव चैक पोस्ट पर पदस्थ स्टाफ ने अवैध कमाई के लिए नया तरीका खोज निकाला है। कैमाहा बैरियर से करीब 200 मीटर पहले ऊजरा के पास
से उर्मिल बांध की नहर निकली हुई है। यह नहर बैरियर के आगे मलका गांव के पास से दोबारा नेशनल हाइवे 86 के पास पहुंच जाती है। नहर के किनारे सिंचाई विभाग द्वारा कच्ची सडक़ का भी निर्माण कराया गया था। किसानों के लाभ के लिए बनाई गई यह सडक़ अब कैमाहा में पदस्थ परिवहन स्टाफ को फायदा पहुंचाती है। इस कच्ची सडक़ से धड़ल्ले से ओवर लोड वाहन निकाले जा रहे हैं। ऊजरा और मलका गांव के लोगों ने बताया कि रेत और ओवर लोड वाहन कैमाहा चैक पोस्ट पर न पहुंचकर ऊजरा से उर्मिल बांध की नहर के किनारे बनी सडक़ से मलका की तरफ से पैतान नंबर 2 से होते हुए चैक पोस्ट के पीछे से नेशनल हाइवे में पहुंच जाते हैं। इन वाहनों की निकासी के लिए परिवहन विभाग द्वारा कुछ स्थानीय युवकों को यहां तैनात कर रखा है जो प्रत्येक वाहन से 200 से लेकर 2000 रुपए तक वसूल करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार
को महोबा में जानवरों की बिक्री का हाट बाजार लगता है। इस हाट बाजार के लिए छतरपुर जिले से बड़ी संख्या में जानवरों  की तस्करी होती है।
बड़ागांव में भी बना अवैध रास्ता
नेशनल हाइवे 75 में उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर बड़ागांव के पास कम्प्यूटराइज चैक पोस्ट है। इस चैक पोस्ट से सबसे अधिक धसान नदी से निकाली गई अवैध रेत की निकासी होती थी, लेकिन चैक पोस्ट कम्प्यूटराइज हो जाने के कारण रेत के ओवर लोड ट्रकों को निकाले जाने के लिए यहां पर भी रास्ता तैयार कर लिया गया है। बड़ागांव में उत्तरप्रदेश के अशोक नगर गांव के पास से कच्चा रास्ता तैयार किया गया है। यह रास्ता भी बड़ागांव बैरियर से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर नेशनल हाइवे 75 में आकर मिल जाता है। इस कच्चे रास्ते में भी परिवहन विभाग द्वारा गांव के ही कुछ युवकों को तैनात किया गया है जो रेत सहित अन्य ओवर लोड वाहनों से खासी रकम वसूलते हैं और उन्हें चैक पोस्ट से बचाकर नेशनल हाइवे तक पहुंचाते हैं। यह सिलसिला पिछले छह माह से चल रहा है। बड़ागांव चैक पोस्ट स्टाफ के संरक्षण में नौगांव-अजनर रोड में भी नैगुवां गांव के पास कच्चे रास्ते से वाहनों को निकालने का काम किया जा रहा है।
यह हमारे अधिकार क्षेेत्र में नहीं
इस गंभीर मामले में जब कैमाहा चैक पोस्ट प्रभारी केपी शर्मा से बात करना चाही तो उनका मोबाइल नंबर 9752930666 स्वीच ऑफ जाता रहा। यहां पदस्थआरक्षक मनीष खरे ने बताया कि इस बात की जानकारी उन्हें व उनके वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी है, लेकिन हमें व हमारे अधिकारियों को मेन्युअल चैकिंग के अधिकार नहीं हैं। हम चैक पोस्ट से हटकर चैकिंग नहीं कर सकते हैं। यह काम चैक पोस्ट स्टाफ नहीं बल्कि स्थानीय लोग कर रहे हैं। वहीं बड़ागांव चैक पोस्ट प्रभारी शकील अंसारी ने बताया कि यह काम स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है। कभी-कभार कोई वाहन निकलता है। रेत के वाहन नहीं निकलते हैं। हमें जैसे ही जानकारी मिलती है हम कार्रवाई करते हैं। मैंने दो वाहनों को पकडकऱ अलीपुरा थाने में जब्त भी कराया है।

 

Created On :   19 April 2018 2:30 PM IST

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