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7 अनाथ किशोरों को प्रमाणपत्र वितरित, आरक्षण को हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने अनाथों के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। अनाथ की परिभाषा पर खरे उतरे 7 किशोराें को नागपुर में प्रमाण-पत्र देकर आरक्षण का रास्ता साफ किया गया। महिला व बाल कल्याण उपायुक्त एम. डी. बोरखेड़े ने उन्हें प्रमाण-पत्र दिए। इससे उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण के साथ शिक्षा, छात्रवृत्ति, छात्रावास में नि:शुल्क रहने की सुविधा का लाभ मिलेगा। बता दें कि उन्हें समाज के प्रवाह से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने 17 जनवरी 2018 को 1 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया। 2 अप्रैल 2018 को शासनादेश जारी किया गया। राज्य सरकार के इस निर्णय पर अमल करते हुए महिला व बाल कल्याण विभाग ने नागपुर के 7 किशोरों को अनाथ प्रमाण-पत्र जारी किया।
पात्र वही, जिसका कोई नहीं :
बचपन में लावारिस अवस्था में मिले, जिनका कोई पता-ठिकाना नहीं मिला। माता-पिता या रिश्तेदार की भी खोज खबर नहीं। यहां तक कि बालगृह में रहने के दौरान उन्हें मिलने के लिए कोई नहीं आया। उनकी जाति पता नहीं चलने से स्कूल के प्रमाण-पत्र में उल्लेख नहीं है। बाल कल्याण समिति ने जांच-पड़ताल करने के बाद उन्हें अनाथ घोषित किया है।
विदर्भ से हुई शुरुआत :
अनाथों को आरक्षण का लाभ दिलाने प्रमाण-पत्र जारी करने की शुरुआत विदर्भ से हुई। नागपुर में बुधवार को 7 किशोरों को अनाथ प्रमाणपत्र दिए गए। इससे पहले अमरावती में 6 और बुलढाणा में 3 किशोरों को प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं।
(यह मिलेगा लाभ : अनाथ प्रमाण-पत्र के आधार पर खुले वर्ग से नौकरी में 1 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। शैक्षणिक सुविधा, छात्रवृत्ति, छात्रावास तथा अन्य सभी योजनाओं के लाभ के हकदार होंगे।)
जांच के बाद मुहर
महिला व बाल विकास अधिकारी कार्यालय की ओर से अनाथाें के प्रस्ताव बाल कल्याण समिति के सामने रखे गए। जांच-पड़ताल करने के बाद समिति के मुहर लगाने पर अनाथ प्रमाण-पत्र जारी किए गए। इस प्रमाणपत्र से अनाथों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
- एम. डी. बोरखेड़े, विभागीय उपायुक्त, महिला व बाल कल्याण विभाग
Created On :   31 Jan 2019 10:08 AM IST