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आचार संहिता के कारण उलझा 2 लाख 95 हजार मच्छरदानियों का वितरण

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले के मलेरिया हाईरिस्क गांवों में मच्छरदानियों का वितरण चुनाव आचार संहिता में उलझ गया है। जिसकी वजह से आगामी एक माह तक मच्छरों को काटने की छूट मिल गई है। जिले के 405 चिन्हित गांवों में मच्छरों का आतंक है, जहां मलेरिया पीडि़त मरीज मिल चुके है। इन गांवों में 2 लाख 95 हजार मेडिकोटेड मच्छरदानियों का वितरण किया जाना है, जो आचार संहिता की वजह से रोक दिया गया है। छिंदवाड़ा शहर, सौंसर और पांढुर्ना विकासखंड छोड़कर शेष सभी विकासखंडों के गांव इन हाईरिस्क गांवों में शामिल है। स्वास्थ्य संचालनालय से मलेरिया विभाग को आदेश दिए गए है कि निर्वाचन तक मच्छरदानियों का वितरण न किया जाए। इस वजह से मच्छरदानियों के वितरण की संपूर्ण तैयारी रोक दी गई है।
दस माह में 911 मलेरिया पॉजीटिव
मलेरिया विभाग के मुताबिक जनवरी से अक्टूबर अंत तक दो लाख दस हजार बुखार पीडि़तों की मलेरिया जांच की गई। इनमें से 911 मरीज मलेरिया पीडि़त मिले। हालांकि पिछले साल से यह आंकड़ा कम है, लेकिन इस मौसम में मलेरिया के मरीजों के बढऩे की संभावना अधिक होती है।
जुन्नारदेव में सबसे अधिक प्रभावित गांव
जिले के जुन्नारदेव विकासखंड में मच्छरों का आतंक सबसे अधिक है। इस ब्लॉक के 129 गांवों को हाईरिस्क केटेगिरी में रखा गया है। इसके अलावा परासिया और तामिया में सबसे अधिक मलेरिया पीडि़त गांव चिन्हित किए गए है।
पांच पॉजीटिव मरीज के आधार पर चयन
एक हजार की आबादी वाले क्षेत्र में यदि पांच एपीआई (एन्युअल पैरासाइड इंटीडेंस) मिलते है तो उसे हाईरिस्क क्षेत्र की केटेगिरी में रखा जाता है। वर्ष 2015 के आंकड़ों के आधार पर जिले के 405 गांवों में मच्छरदानियों का वितरण किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाना है वितरण
गांव में मच्छरदानियों के वितरण की जवाबदारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की है। आशा और आंगनवाड़ी के अलावा टीम में एएनएम, शिक्षक शामिल रहेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
स्वास्थ्य संचालनालय से आदेश मिले है कि जिले में मच्छरदानियों का वितरण आचार संहिता के बाद किया जाए। हालांकि सिवनी से अभी तक मच्छरदानियां नहीं मिली है।
-देवेन्द्र भालेकर, जिला मलेरिया अधिकारी
Created On :   3 Nov 2018 1:31 PM IST