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सरपंच पद की नीलामी को लेकर रिपोर्ट पेश करें जिलाधिकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायतों के चुनाव में सरपंच पद की नीलामी को लेकर मिल रही शिकायतों के संबंध में सभी जिलाधिकारियों को रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। सोमवार को राज्य चुनाव आयुक्त यूपीएस मदान ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरपंच पद की नीलामी की घटना को लेकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं। मदान ने कहा कि चुनाव आयोग को सरपंच पद की नीलामी होने और उसके लिए बड़ी राशि की बोली लगाने की शिकायतें मिली हैं। ग्राम पंचायतों के चुनाव मुक्त, निर्भय और पारदर्शी वातावरण में कराने की दृष्टि से यह गंभीर मामला है। इसलिए जिले में हुई इस तरह की घटना की गहराई से जांच कर स्वयं स्पष्ट अभिप्राय के साथ रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
यह रिपोर्ट निर्विरोध विजयी उम्मीदवारों का परिणाम प्रकाशित करने के लिए 23 दिसंबर 2004 के आदेश के अनुसार आयोग के पास अनुमति मांगते समय पेश करने को कहा गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव के समय कुछ जगहों पर नामांकन वापस लेने की अंतिम अवधि के बाद एक ही उम्मीदवार बचते हैं। उस उम्मीदवार को निर्विरोध घोषित किया जाता है। उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के लिए अन्य उम्मीदवारों पर दबाव डालने की संभावना से इंकार नहीं किया सकता है। ऐसी स्थिति को टालने के लिए आयोग को तत्काल विस्तृत रिपोर्ट देने और राज्य चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद संबंधित उम्मीदवार को निर्विरोध घोषित करने का आदेश 23 दिसंबर 2004 को जारी किया गया था।
क्या है मामला
दरअसल नाशिक के देवली तहसील के उमराणे ग्राम पंचायत के सरपंच पद के लिए नीलामी का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें सरपंच पद के लिए उमराणे ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच प्रशांत देवरे के नेतृत्व वाले पैनल के लिए 2 करोड़ 5 लाख रुपए की बोली लगाई गई थी। नीलामी प्रक्रिया के बाद उमराणे ग्राम पंचायत का चुनाव निर्विरोध करने की घोषणा की गई।
Created On :   4 Jan 2021 7:20 PM IST