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डीपीडीसी की बैठकों का जिले के सांसद तथा तीन विधायक करेंगे बहिष्कार

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का नियोजन, जिला नियोजन व विकास परिषद (डीपीडीसी) के माध्यम से किया जाता है। सरकार ने योजनाओं के लिए निधि के वितरण के अधिकार जिले के पालकमंत्री को सौंपे हैं। ऐसे में जिले के 3 भाजपाई विधायकों समेत गड़चिरोली-चिमूर संसदीय क्षेत्र के सांसद ने पालकमंत्री एकनाथ शिंदे पर निधि वितरण में पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए अब से डीपीडीसी की सभी बैठकों पर बहिष्कार डालने का फैस्ला लिया है। इस आशय की जानकारी गुरुवार को संपन्न एक पत्र परिषद में गड़चिरोली के विधायक डा. देवराव होली, आरमोरी के विधायक कृष्णा गजबे और भाजपा कार्यकर्ताओं ने दी। आने वाली डीपीडीसी की बैठकों में अब सांसद अशोक नेते, विधायक डा. होली, विधायक गजबे समेत विधायक रामदास आंबटकर उपस्थित नहीं रहेंगे।
यहां बता दें कि, जिले में भाजपा के तीन विधायकों समेत एक सांसद कार्यरत हंै। जबकि राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार होकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकार में लगातार अंतर्गत कलह को देखा गया। लेकिन अब तक इस संदर्भ में भाजपा विधायकों ने किसी तरह की प्रतिक्रिया साझा नहीं की थी। मात्र अब गुरुवार को जाहिर रूप से जनप्रतिनिधियों ने अपना असंतोष व्यक्त करते हुए जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के निषेध में डीपीडीसी की बैठकों पर सामूहिक रूप से बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इस संदर्भ में विधायक डा. होली ने पत्रकारों को बताया कि, जिले के स्थानीय सांसद और विधायकों को विकास कार्यों की जानकारी है। इस कारण जिला वार्षिक योजना से विकास कार्यों की आवश्यकता को देखते हुए आवश्यक निधि उपलब्ध कराने की मांग जनप्रतििनधियों द्वारा पालकमंत्री एकनाथ शिंदे से लगातार की। लेकिन जनप्रतिनिधियों इस की इस मांग पर लगातार अनदेखी की जा रही है। विधायकों व सांसद के पत्र पर नजरअंदाज करते हुए जनप्रतििनधियों का अपमान करने का आरोप भी डा. होली ने लगाया है। पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने केवल पत्र के माध्यम से निधि की मांग करने की सूचना जारी है।
आवश्यकता नुसार सभी विकास कार्यों के लिए निधि आवंटित की जाएगी, ऐसा आश्वासन भी उन्होंने दिया है। लेकिन इस आश्वासन की पूर्ति अब तक नहीं की गयी। पिछले तीन वर्षों से जिला वार्षिक योजना में उपलब्ध करायी गयी निधि से जमीनी स्तर पर कोई भी विकास कार्य पूर्ण नहीं होने का आरोप भी इस समय जनप्रतिनिधियों ने लगाया। वर्ष 2019-20, 2020-21 और वर्ष 2021-22 में सर्वसाधारण उपयोजना, आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के बाहर की याेजना, अनुसूचित जाति उपयोजना, जिला खनिज निधि, ग्राम पंचायत जनसुविधा के लिए विशेष निधि आदि लेखाशीर्ष में सांसद अशोक नेते और तीनों विधायकों ने निधि की मांग की। मात्र उपरोक्त सभी लेखाशीर्ष से जनप्रतिनिधियों के कोटे में कोई निधि उपलब्ध न कराने का आरोप भी विधायक डा. होली ने लगाया है। जिला नियोजन व विकास परिषद के निधि वितरण में पक्षपात कर पालकमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा जिले के विकास में बाधाएं निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है। उक्ताशय का आरोप भी इस समय किया गया। पत्र परिषद में विधायक डा. होली के साथ विधायक कृष्णा गजबे, पूर्व नगराध्यक्ष योगीता पिपरे, पूर्व पार्षद व भाजपा जिला महामंत्री प्रमोद पिपरे, अनिल कुनघाड़कर, अनिल पोहणकर समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
Created On :   29 April 2022 1:37 PM IST












