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पंचायत प्रतिनिधि होंगे पावरफुल, अध्यक्ष से लेकर सदस्यों को मिलेगा अनुदान

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा। चुनावी साल में सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को साधने मास्टर स्ट्रोक खेला है। हमेशा फंड का रोना रोने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को नई नीति के तहत पावरफुल किया गया है। अब जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत के सदस्यों भी अपने क्षेत्र में अपनी निधि से खर्च कर सकेंगे।। वे अपने क्षेत्र में शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के मुताबिक पैसा खर्च कर सकेंगे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने हाल ही में नए आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के प्रतिनिधियों को कई अधिकारों से नवाजा गया है। नए आदेशों के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष को 25 लाख तक जिले के किसी भी ेक्षेत्र में खर्च करने का अधिकार होगा। इसका सीधा मतलब है कि विधायकों और सांसदों की तरह अब जिला पंचायत और जनपद सदस्यों की भी अपनी निधि होगी। शासन द्वारा निर्धारित किए गए कार्यों में ये राशि वे अपने-अपने क्षेत्र में खर्च कर सकेंगे।
ग्राम पंचायतों को भी किया खुश
पंचायत प्रतिनिधियों को मिलने वाली राशि ग्राम पंचायत स्तर पर खर्च की जाएगी। इसकी एजेंसी भी ग्राम पंचायत को बनाया जाएगा। यदि बड़ा काम है तो प्रतिनिधियों को इतनी भी छूट दी गई है कि वे एजेंसी को बदल सकते हैं, लेकिन अधिकांस काम पंचायतों के माध्यम से ही करवाने पड़ेंगे। ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा है कि इससे सरपंचों को भी लाभ मिल सकेगा।
ये काम कर सकेंगे प्रतिनिधि
पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में सीमेंट क्रांकीट रोड, नाली निर्माण, रपटा या पुलिया निर्माण, शासकीय भवन की बाउंड्रीवाल, शाला या आंगनबाड़ी भवन, स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त कक्ष, यात्री प्रतीक्षालय, श्मशान-कब्रिस्तान की बाउंड्रीवाल, ग्राम चौपाल, सार्वजनिक चबूतरे, एलईडी स्ट्रील लाइट में अपनी निधि खर्च कर सकेंगे।
यहां खर्च पर लगाई लगाम
पंचायत प्रतिनिधि अपनी मनमानी न करें। इसलिए कई कामों पर लगाम भी लगाई गई है। पंचायत प्रतिनिधि पेयजल परिवहन, मुरमीकरण, ग्रेवल रोड, स्टॉपडेम, चेकडेम निर्माण, स्वागत द्वार, सौंर ऊर्जा लाइट, पानी का टैंकर नहीं खरीद सकेंगे।
लेकिन स्वीकृति लेना होगा जरुरी
पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासकीय स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। स्वीकृति पंचायत दर्पण पोर्टल पर अपलोड करना जरुरी होगा। इसके बाद ही ये काम कराए जा सकेंगे। अन्य शासकीय कामों की तरह इन कामों का भी गुणवत्ता परीक्षण होगा। अनियमितता की शिकायत पर सरपंच-सचिव जिम्मेदार होंगे। इन पर ही कार्रवाई होगी।
Created On :   23 Feb 2018 1:45 PM IST