दिव्यांग गर्ल्स स्टेट लेवल टूर्नामेंट जीतने हैं तैयार, मुकाबला 17 व 18 को

Divyang Girls State Level Tournament of Nagpur
दिव्यांग गर्ल्स स्टेट लेवल टूर्नामेंट जीतने हैं तैयार, मुकाबला 17 व 18 को
दिव्यांग गर्ल्स स्टेट लेवल टूर्नामेंट जीतने हैं तैयार, मुकाबला 17 व 18 को

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर की दिव्यांग गर्ल्स स्टेट लेवल टूर्नामेंट जीतने की तैयारी कर चुकी हैं। मन में है विश्वास हम होंगे कामयाब के साथ पूरी मेहनत के साथ प्रैक्टिस की है और अब मैदान में उतरने गर्ल्स टीम नाशिक के लिए रवाना हुई है।  पूरे विदर्भ से 14 गर्ल्स स्टेट लेवल क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने वाली हैं।  क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ ब्लाइंड महाराष्ट्र की आेर से स्टेट लेवल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन नाशिक में 17 और 18 फरवरी को किया जाएगा, जिसमें पुणे, मराठवाड़ा, मुंबई से दो टीम, नाशिक और विदर्भ से आत्मदीपम विदर्भ क्रिकेट टीम हिस्सा लेने वाली है। क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए उन्हें पर्सिस्टेंट फाउंडेशन द्वारा स्पोर्ट्स किट दी गई है। आत्मदीपम विदर्भ क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों का कहना है कि जीत हासिल करना हमारा लक्ष्य है, ताकि नेशनल तक पहंुच सकें। आत्मदीपम सोसायटी की फाउंडर जिज्ञासा चवलढाल ने बताया कि सफलता के लिए साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नीलेश पेशवे, धरमपेठ शिक्षण संस्था के अध्यक्ष उल्लास औरंगाबादकर, सचिव रत्नाकर केकतपुरे, साइंस कॉलेज फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. राहुल कलोडे तथा आत्मदीपम सोसायटी के सदस्य योगेश्वर चवलढाल ने हमें सहयोग किया। 

समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास
दिव्यांगों को अक्सर समाज से दूर रखा जाता है, इसलिए हमारी संस्था ने क्रिकेट टीम तैयार की है। साथ ही दिव्यांग गर्ल्स की फिटनेस के लिए भी इस तरह के स्पोर्ट्स का अायोजन करते हैं। स्पोर्ट्स में आगे आने से उन्हें जॉब के भी अवसर मिल सकते हैं, ताकि उन्हें आगे किसी के भरोसे नहीं रहना पड़े। क्रिकेट टीम में दिव्यांग गर्ल्स तीन कैटेगरी बी-1, बी-2 और बी-3 की हैं, जिसमें बी-1 कैटेगरी की गर्ल्स काे बिल्कुल भी नहीं दिखाई देता है बी-2 में धुंधला सा नजर आता है और बी-3 कैटेगरी में थोड़ा अच्छा दिखाई देने वाली गर्ल्स आती हैं। 
-जिज्ञासा चवलढाल, फाउंडर आत्मदीपम सोसायटी

कड़ी धूप में भी करते रहे प्रैक्टिस
क्रिकेट मैच को लेकर सभी गर्ल्स बहुत ही उत्साहित हैं। इसके लिए वे पिछले एक महीने से लगातार प्रैक्टिस कर रही हैं। यह आयोजन पहली बार हो रहा है और मुझे अपनी टीम पर पूरा विश्वास है कि हर कसौटी पर सभी खिलाड़ी खरा उतरेंगे। ब्लाइंड गर्ल्स के लिए छर्रे वाली 6 से 8 पाउंड की बाॅल यूज की जाती है, साथ ही नियम भी थोड़े अलग होते हैं। मैच 10 ओवर का होने वाला है। 
- अतुल हरोडे, कोच

हमने अपनी कमजोरी को बनाई ताकत
ज्यादातर लोग अपनी कमजोरी को लेकर बैठे रहते हैं और कुछ भी काम करने को नहीं देखते हैं, पर हमने इसे ही अपनी ताकत माना है। सभी गर्ल्स की तैयारी बहुत ही जोरदार है और हम टूर्नामेंट जीतकर ही आएंगे। मेरे साथ एक रनर है, जो मेरी मदद करेगी। 
- अंकिता शिंदे, कप्तान

गजब का आत्मविश्वास
मेरी बेटी इस टूर्नामेंट के लिए नाशिक जा रही है। मैंने पूरी टीम को देखा है। सभी में गजब का आत्मविश्वास है। किसी ने भी प्रैक्टिस में कोई कमी नहीं रखी है। कहते हैं कि भगवान अगर हमसे कुछ छीनता है, तो दूसरी कोई ताकत जरूर देता है। 
- शुभदा पाटिल, सदस्य आत्मदीपम सोसायटी

Created On :   16 Feb 2018 1:06 PM IST

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