दिव्यांग दोषी या पुलिस आपे से बाहर, बताएगी सीआईडी

Divyang guilty or police out of control, CID will tell
दिव्यांग दोषी या पुलिस आपे से बाहर, बताएगी सीआईडी
दिव्यांग दोषी या पुलिस आपे से बाहर, बताएगी सीआईडी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पारडी में दिव्यांग मनोज ठवकर की पुलिस हिरासत में मौत के बाद दिन भर तनाव बना रहा। तगड़े बंदोबस्त के बीच मृतक मनोज ठवकर का पारडी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। दिव्यांग मनोज ठवकर की मृत्यु प्रकरण की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है। इसकी पुष्टि पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की। साथ ही पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के आदेश पर पारडी थाने के उपनिरीक्षक  मुकेश ढोबडे, नायब पुलिस सिपाही नामदेव चरडे और पुलिस सिपाही आकाश शाहाने का आनन-फानन में तबादला कर दिया गया। इन तीनों पुलिसकर्मियों को पारडी थाने से हटाकर पुलिस नियंत्रण कक्ष में अटैच कर दिया गया है। पारडी थाने में आकस्मिक मृत्यु का प्रकरण दर्ज किया गया है।

भाग निकला था, पर पीछा कर पकड़ा : बुधवार को पारडी हनुमान मंदिर के पास शाम में करीब 5.30 बजे नाकाबंदी के समय पुलिस ने मनोज ठवकर को बिना मास्क के वाहन लेकर आते देखा। उपनिरीक्षक मुकेश ढोबडे व सहयोगियों ने रुकने का इशारा किया, लेकिन रुकने के बजाय वह वाहन लेकर भागा। उसे पकड़ने के चक्कर में उपनिरीक्षक ढोबडे करीब 200 मीटर तक घसीटते चले गए। मनोज दोपहिया लेकर भागने में कामयाब हो गया। इस दौरान ढोबडे ने दो वाहन चालकों को सड़क पर रोका और मनोज का पीछा करने को कहा। मनोज आगे निकला जरूरी था, लेकिन रास्ता बंद होने से वापस मुड़ना पड़ा। इस बीच,  ढोबडे और उनके सहयोगी भी वहां पहुंच गए। वे मनोज को पकड़ने की कोशिश करने लगे। इस चक्कर में मनोज दोपहिया से नीचे गिर पड़ा।  इसके बाद उसे पारडी थाने लेकर गए। थाने में उसे शाम करीब 6.30 से 8.30 बजे तक बैठाकर रखा गया। इस दौरान मनोज ने पीने के लिए पानी मांगा। उसे पानी पिलाया गया। पानी पीने के बाद वह बेंच से नीचे गिर पड़ा। उसे तत्काल पारडी स्थित श्री भवानी मल्टीस्पेशलिटी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती किया गया, जहां प्राथमिक जांच के दौरान उसे ब्रॉड डेड (मृत) घोषित कर दिया गया। उसकी मौत पिटाई या किसी अन्य वजह से हुई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हो सकेगा।

आक्रोशित भीड़ ने की नारेबाजी 
इधर, मनोज के साथ हुई घटना की जानकारी मिलते ही उसके परिजनों व बस्ती वाले उमड़ पड़े।  वे श्री भवानी अस्पताल के सामने जमा होकर नारेबाजी करने लगे। जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुनील फुलारी, उपायुक्त नीलोत्पल भी घटनास्थल पर पहुंचे। 
मारपीट का आरोप : आक्रोशित भीड़ ने आरोप लगाया कि दिव्यांग मनोज ठवकर के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। गुस्साई भीड़ को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने कलमना, सक्करदरा, वाठोड़ा, लकड़गंज, पारडी, जरीपटका, कपिलनगर, अजनी थाने से पुलिस बंदोबस्त बुलाया। यह बंदोबस्त गुरुवार की देर शाम तक लगा रहा। अपराध शाखा पुलिस विभाग के 5 यूनिट को भी बंदोबस्त में लगा दिया गया था। पोस्टमार्टम के बाद मृतक मनोज का अंतिम संस्कार गुरुवार की शाम में कर दिया गया। मनोज दाहिने पैर व एक आंख से दिव्यांग था। 

दिन भर गहमागहमी  
दिन भर घटनास्थल परिसर, मृतक के निवास व आस- पास के इलाके में गहमा गहमी बनी रही। क्षेत्र में एहतियातन बंदोबस्त लगा दिया गया था।  गुरुवार सुबह से बारिश शुरू रहने के बाद भी परिसर में लोगों की भीड़ डटी रही। क्षेत्र के कई राजनीतिक संगठनों के नेता व कार्यकर्ता भी डटे रहे। मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपए का मुआवजा और उसकी पत्नी अश्विनी को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है। मनोज को बेटा आरुष और बेटी अंशु अभी छोटे हैं। 
 

Created On :   9 July 2021 1:03 PM IST

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