किसानो को महाराष्ट्र सरकार का दिवाली गिफ्ट, एनसीपी ने लगाया वादा खिलाफी का आरोप

diwali gift: government release the debt of farmers
किसानो को महाराष्ट्र सरकार का दिवाली गिफ्ट, एनसीपी ने लगाया वादा खिलाफी का आरोप
किसानो को महाराष्ट्र सरकार का दिवाली गिफ्ट, एनसीपी ने लगाया वादा खिलाफी का आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई/नागपुर/यवतमाल। दीपावली से एक दिन पहले बुधवार को राज्य सरकार ने 8.4 लाख खाताधारक किसानों को 4 हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी दी है। बुधवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सह्यादी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किसानों को सर्टिफिकेट दिया। इसके ठीक बाद उपराजधानी नागपुर में जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसे इतिहास की सबसे बड़ी घटना बताकर कहा कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जो घोषणा की थी, वो आज पूरी हुई है। इसी दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हर जिले के पालक मंत्री जुड़े थे। पालक मंत्रियों ने अपने-अपने जिलों में किसानों को कर्ज माफी का सर्टिफिकेट बांटा।

इस मौके पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज हमारे लिए कर्तव्य पूर्ति का दिन है। आज का दिन किसानों का दिन है। यह दिन किसानों के लिए समर्पित है। सीएम ने कहा कि सरकार ने पहले दिन 10 लाख किसानों को कर्ज माफी देने की घोषणा की थी लेकिन कुछ कारणों से करीब 8.4 लाख किसानों के डेटा की छानबीन की जा सकी है। जिसमें 4 लाख 62 हजार खाताधारक किसान को 3200 करोड़ रुपए कर्ज माफी के रूप में दिए गए हैं और प्रोत्साहन योजना के तहत 3 लाख 78 हजार लाभार्थी किसानों के 800 करोड़ रुपए बैंकों को जारी किए गए हैं। सीएम ने कहा कि 15 नवंबर तक करीब 80 प्रतिशत कर्ज माफी का पूरा हो जाएगा। जिन किसानों ने ऑनलाइन फार्म में आधी-अधूरी जानकारी भरा है। ऐसे किसानों से पूरी जानकारी मांगी गई है।

इन लोगों कि पूरी जानकारी मिलने के बाद इनको भी कर्ज माफी का लाभ मिलेगा। सीएम ने कहा कि सरकार के मापदंड के अनुसार जब तक सभी किसानों की कर्ज माफी का लाभ नहीं मिल पाता है तब तक यह योजना शुरू रहेगी। इसलिए किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। इसके बाद बैंकों की तरफ से किसानों को कर्ज माफी की जानकारी देने वाला एसएमएस भेजा जाएगा। सीएम ने कहा कि जिनको प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला है।, उनको भी प्रसस्ति पत्र दिया जाएगा।  सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में निवेश को तीन गुना किया है। अगले पांच सालों तक लगातार इसी तरह से निवेश जारी रखा जाएगा। सीएम ने कहा कि कर्ज माफी का लाभ जरूरतमंद किसानों को मिल सके। इसीलिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया गया। यह देश में रिकॉर्ड है कि कर्ज माफी के लिए डेढ़ महीने में 77 लाख खाताधारक किसानों ने आवेदन कर दिया। 

सामाजिक न्याय विभाग की निधि का इस्तेमाल नहीं 

प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने स्पष्ट किया कि सरकार ने कर्ज माफी के लिए सामाजिक न्याय विभाग की एक भी रुपए की निधि का इस्तेमाल नहीं किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ लोग कर्ज माफी को लेकर आशंका पैदा कर रहे हैं। ऐसे लोगों से अपील है कि किसानों के मुद्दे पर राजनीति न करें। समाज में जहर घोलने का प्रयास नहीं होना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि कर्ज मुक्ति कृषि क्रांति का पहला चरण है।

बिना चुनाव की सरकार ने की कर्ज माफी 

प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि सरकार ने देश की सबसे बड़ी कर्ज माफी की है। सरकार ने कर्ज माफी के लिए आगामी विधानभा चुनाव का इंतजार नहीं किया है। राज्य में बिना किसी चुनाव के सरकार ने किसानों को कर्ज माफी दी है। 

नागपुर में 25 किसानों को मिला प्रमाणपत्र

उपराजधानी में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जिले के 25 किसानों को प्रमाणपत्र दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में यह सबसे बड़ी कर्जा माफी है। पालकमंत्री बावनकुले ने कहा कि जिले में 1 लाख 9 हजार किसानों ने ऑनलाइन आवेदन भरा था। लगभग 1 लाख 5 हजार 177 लाभार्थी किसानों को पात्रता की शर्त मुताबिक 835 करोड़ 55 लाख रुपए का लाभ मिलेगा। 

यवतमाल में पालकमंत्री ने 26 को दिया सर्टिफिकेट

उधर यवतमाल में पालकमंत्री के हाथों 26 किसानों को कर्जमाफी प्रमाणपत्र वितरित किया गया। मंत्री मदन येरावार ने 26 किसानों को सर्टिफिकेट दिया। उन्होंने बताया कि जिले में करीब 4.17 लाख किसान हैं, उसमें 3.42 लाख कर्जमाफी के लिए पात्र हैं, वहीं 68 हजार को त्रुटियों में डाला गया है। इसके अलावा 7 हजार किसानों को अपात्र घोषित किया गया है। 

विधायक गजभिये ने सरकार पर लगाए आरोप

कर्जमाफी को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति योजनाओं की निधि हस्तांतरण के मुद्दे पर एनसीपी नेता और विधायक प्रकाश गजभिये ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति और आदिवासियों के कल्याण के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की निधि किसानों की कर्जमाफी के लिए हस्तांतरित ना करने का वादा मानसून सत्र में किया था। इसके बावजूद निधि का इस्तेमाल दूसरी जगह कर अन्याय किया गया है। गजभिये ने इस मुद्दे पर सरकार को तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है। गजभिये ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों का हक मारा है।

Created On :   18 Oct 2017 10:41 PM IST

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