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शिक्षकों का सवाल , शैक्षणिक कार्य करें या कोविड-19 का सर्वेक्षण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद शिक्षक दो अलग-अलग आदेश से उलझन में हैं। तहसीलदार ने कोविड-19 के तहत निरंतर सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है, वहीं शिक्षा विभाग शैक्षणिक कार्य में जुट जाने का फरमान जारी किया है। कोविड-19 का सर्वेक्षण करना है या शैक्षणिक कार्य, इस उलझन में शिक्षक फंस गए हैं। महाराष्ट्र राज्य पदवीधर प्राथमिक शिक्षक व केंद्र प्रमुख सभा ने जिप सीईओ योगेश कुंभेजकर को ऑनलाइन ज्ञापन भेजकर शिक्षकों की उलझन दूर करने की गुहार लगाई है। कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल बंद हैं। विद्यार्थियों को शैक्षणिक नुकसान से बचाने के लिए शिक्षण संचालनालय ने ऑनलाइन पढ़ाने का निर्णय लिया है।
विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाना शिक्षकों का दायित्व है। रामटेक तहसील में तहसीलदार के आदेश पर शिक्षक और केंद्र प्रमुखों पर कोविड-19 के निरंतर सर्वेक्षण, निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों की जानकारी प्रशासन को पेश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं गटशिक्षणाधिकारी ने 2 सितंबर को पत्र जारी कर शिक्षकों को स्कूल में उपस्थित रहकर शैक्षणिक कार्य करने व 10 अगस्त के पत्र अनुसार केंद्र प्रमुखों को स्कूलों का दौरा कर शैक्षणिक कार्य की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
स्कूल खोलने का आदेश नहीं : कोरोना संक्रमण के चलते सरकार की ओर से स्कूल खोलने के संबंध में फिलहाल कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है। रामटेक गटशिक्षणाधिकारी ने जो पत्र जारी किया है, उसमें शिक्षणाधिकारी के 11 सितंबर के पत्र का हवाला दिया गया है, जबकि 11 सितंबर अभी आई ही नहीं है। स्कूल बंद है, फिर शिक्षक नियमित उपस्थित रहकर क्या करेंगे। केंद्र प्रमुखों के स्कूलाें का दौरा करने से क्या हासिल होगा। ऐसे अनगिनत सवाल शिक्षकों के सामने खड़े हैं। दो अधिकारियों के अलग-अलग फरमान जारी करने से शिक्षक दुविधा में हैं। सीईओ से इस विषय में स्पष्ट आदेश जारी कर शिक्षकों का संभ्रम दूर करने की मांग की गई है।
Created On :   4 Sept 2020 3:12 PM IST